डेस्कः जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में एवीबीपी ने एतिहासिक जीत दर्ज की है। 42 काउंसलरों के पद में से 24 सीटों पर जीत दर्ज की है। यह किसी भी छात्र संगठन के तुलना में सबसे ज्यादा है। संयुक्त सचिव के पद पर एवीबीपी के वैभव मीणा ने जीत दर्ज की है। अन्य तीन शीर्ष पदों पर वामपंथी दलों का कब्जा रहा।
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आइसा के नीतीश कुमार छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए हैं और डीएसएफ की मुंतेहा फातिमा महासचिव तथा मनीषा उपाध्यक्ष के पद पर विजयी हुई हैं।AISA से चुने गए अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा, “इस कैंपस में लगातार फंड काटा जा रहा है। हम सरकार के खजाने से खींच कर फंड लाएंगे। कैंपस के आधारभूत संरचना को जो बर्बाद किया गया है उसको बेहतर किया जाएगा। JNU प्रवेश परीक्षा के अपने मॉडल को दोबारा शुरू किया जाएगा… इस कैंपस का वामपंथ का आंदोलन खड़ा है। यदि ABVP का संयुक्त सचिव(वैभव मीना) इस कैंपस के दिए हुए जनादेश से एक कदम भी हिलने की कोशिश करता है, यदि वे JNU के खिलाफ एक शब्द भी बोलने की कोशिश करता है तो पूरा पैनल उसके सामने खड़ा होगा… उसको चेतावनी है कि JNU के खिलाफ एक शब्द भी बोलने की कोशिश ना करें।”
नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष मनीषा ने कहा, ” इस जीत पूरे विश्वविद्यालय की जीत है। ये बाबा साहब की जीत है, उनके सपने की जीत है… JNU लाल था और लाल ही रहेगा… हमने हमेशा छात्रों के लिए काम किया और उनकी आवाज उठाई, और हम भविष्य में भी यह काम करते रहेंगे…”नवनिर्वाचित महासचिव मुन्तहा फातिमा ने कहा, “यहां हमेशा लेफ्ट यूनिट जीती है। हमें शिक्षा के केन्द्रीयकरण और निजीकरण के खिलाफ लड़ना है… हम छात्रों के अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे…”नवनिर्वाचित संयुक्त सचिव वैभव मीना ने कहा, “हमने एक दशक के बाद यह जीत हासिल की है, और अगले चुनाव में ABVP सभी चार सीटें जीतेगी…”