रांचीः झारखंड पुलिस के मोस्ट वांटेड और अमन साहू का करीबी गैंगस्टर मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को अजरबैजान से भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। अजरबैजान की उच्च अदालत ने मयंक सिंह के प्रत्यार्पण की मंजूरी दे दी है। मयंक सिंह फिलहाल अजरबैजान के बाकू जेल में बंद है।
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झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने इस मामले को लेकर कहा कि केंद्रीय एजेंसी की सहायता से झारखंड पुलिस मयंक सिंह को भारत लाने में कामयाब हो रही है। झारखंड एटीएस के द्वारा केंद्रीय एजेंसियों और इंटरपोल के माध्यम से पुख्ता दस्तावेज और सबूत के आधार पर अजरबैजान के बाकू की उच्च अदालत ने मयंक सिंह को कुख्यात अपराधी मानते हुए उसके प्रत्यार्पण की मंजूरी दी। इससे पहले एटीएस को पहली सफलता उस समय मिली थी जब बाकू की निचली अदालत ने मयंक सिंह के प्रत्यार्पण को मंजूरी दी थी। अजरबैजान के कानून के आधार पर मयंक सिंह को उच्च अदालत में अपील करने का मौका दिया गया था लेकिन उच्च अदालत ने भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा।
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डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि मयंक सिंह को झारखंड एटीएस के एसपी अजरबैजान से लाने जाएंगे उसके बाद उसे भारत के कोर्ट में पेश कर सजा दिलाई जाएगी। एटीएस टीम को अजरबैजान भेजने की अनुमति झारखंड सरकार से अब लेनी है। सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद टीम अजरबैजान चली जाएगी। विदेश में बैठकर झारखंड में अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वालों की अब खैर नहीं है। ऐसे अपराधियों को भारत लाकर उसे सजा दिलाई जाएगी, जिसमें प्रिंस खान भी है। उन्होने आगे कहा कि गैंगस्टर अमन साहू (अब मृत) के फाइनेंशियल नेटवर्क के साथ-साथ पूरे हथियार नेटवर्क को मयंक ही संभालता था। मयंक से पूछताछ के बाद जो कार्रवाई होगी उसमें अमन साहू के हथियार और फाइनेंशियल नेटवर्क दोनों को ध्वस्त करने में सहायता मिलेगी।