झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही चुनावी मैदान में ताल ठोकने वाले अब अपना नया ठिकाना ढूंढ रहे हैं। आजसू (ऑल झारखंड स्टूडेंट्स) पार्टी केंद्रीय उपाध्यक्ष उमाकांत रकक ने पार्टी को बड़ा झटका दिया है। पूर्व मंत्री उमाकांत रजक ने आजसू पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने पत्र के जरिये केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो को अपना इस्तीफा सौंपा है। जिसमें पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देते हुए कहा है कि उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए सभी पदों से मुक्त किया जाए। लाइव दैनिक से बातचीत में उमाकांत रजक बताया कि वह शुक्रवार को दिन 11 बजे झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की सदस्यता ग्रहण करेंगे और पार्टी के टिकट पर चंदनक्यारी से चुनाव लड़ सकते हैं।
उमाकांत रजक चंदनक्यारी से विधायक रहे हैं और सरकार में मंत्री भी रहे हैं। आजसू का एनडीए से गठबंधन है। पार्टी के बार-बार प्रयास किये जाने के बाद भी चंदनक्यारी सीट आजसू के खाते में नहीं आयी। यह भाजपा की सीटिंग सीट मानी जाती है और यहां से भाजपा के अमर कुमार बावरी विधायक हैं।
अमर बाउरी फिलहाल नेता प्रतिपक्ष हैं। ऐसे में भाजपा के लिए यह सीट छोड़ना संभव नहीं है। एनडीए के साथ आजसू गठबंधन की सीटें भी लगभग फाइनल हो गई हैं। ऐसे में यह तय हो चुका है कि चंदनक्यारी सीट आजसू के खाते में नहीं आएगी। इसलिए उमाकांत रजक ने केंद्रीय उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है।
चुनाव से पहले सभी पार्टियों में भगदड़ की स्थिति होने वाली है। जैसे पार्टियां अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करेंगी, पार्टी की टिकट चाहने वाले विद्रोह के मूड में आएंगे। इसके बाद उनकी ओर से विकल्प तलाशा जाएगा। लेकिन सभी पार्टियों ने इस डैमेज कंट्रोल को रोकने के लिए बड़े नेताओं को पार्टियों से नाराज नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी तय कर दी है।