झारखंड के ग्रामीण इलाकों के युवाओं के हाथों में मोबाइल लेकिन लगाना नहीं आता अलार्म, नहीं आता है गूगल मैप सर्च करना , ब्राउजिंग में भी आती है मुश्किलें
लड़कों के अपेक्षा लड़कियों के पास है कम मोबाइल फ़ोन इस्तेमाल में भी लड़कों से कमतर हैं लड़कियाँ
देश के ग्रामीण इलाकों के स्कूली के बच्चों और युवाओं की सीखने-पढ़ने की क्षमता की जो रिपोर्ट सामने आई है वो चौंकाने वाली है । खासतौर से झारखंड की बात करें तो यहां जो आंकड़े सामने आए हैं वो चिंताजनक माने जा सकते हैं । एन्यूअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट जारी कर दिया गया है। इस रिपोर्ट में झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के ग्रामीण इलाकों को लिया गया । इस सर्वे में बेसिक मैथ्स, इंग्लिश और हिन्दी पढ़ने की क्षमता के साथ-साथ स्मार्ट फोन के बारे मे सवाल पूछे गए । सबसे पहले स्मार्टफोन की बात करें तो 14-16 वर्ष के 77 प्रतिशत बच्चों के पास स्मार्टफोन हैं और इस उम्र के 86.6 प्रतिशत बच्चे इसे ऑपरेट कर सकते है। इसी तरह से 17-18 साल के युवाओं में 88.1 प्रतिशत के पास स्मार्टफोन हैं और इनमें 92.5 प्रतिशत इसे ऑपरेट करने में सक्षम तो है। मगर हैरानी वाली बात ये है कि 14-16 साल के बच्चे जिनके पास स्मार्टफोन हैं उनमें 50.3 प्रतिशत ही डिजिटल टास्क कर सकने में सक्षम पाए गए हैं। इसी तरह से 17-18 साल के युवाओं में 65.2 फीसदी युवा ही डिजिटल डास्क में सक्षम मिले । इसी तरह से लड़कियों के आंकड़ों में देखे तो 14-16 वर्ष की लड़कियों में सिर्फ 7.5 प्रतिशत के पास अपना स्मार्टफोन है जबकि इसी उम्र के 32.7 प्रतिशत लड़कों के पास अपना स्मार्टफोन हैं ।
एक आंकड़ा जो बेहद ही दिचलस्प है वो स्मार्टफोन के इस्तेमाल को लेकर सर्वे में अलार्म लगाने के लिए, भारत की पहली महिला राष्ट्रपति के बारे में ब्राउज करने के लिए, गूगल मैप के इस्तेमाल और यूट्यूब वीडियो को ढूँढने और शेयर करने के लिए कहा गया । जो नजीते सामने आए उसके मुताबिक 14-16 वर्ष के लड़कों ने 59.5 प्रतिशत को मोबाइल में अलार्म लगाना आता है, जबकि 38.8 प्रतिशत लड़कियां ही अलार्म सेट कर पाईं । हांलाकि पहली महिला राष्ट्रपति के बारे में ब्राजजिंग करने के में 67.1 प्रतिशत लड़़के और 65.2 लड़कियां कामयाब हुईं । गूगल मैप में 38.6 प्रतिशत लड़के तो 19.0 प्रतिशत लड़कियां सफल हो सकीं । यूट्यूब वीडियो ढूंढने में 84.6 प्रतिशत लड़के और 76.5 प्रतिशत लड़कियां कामयाब हो सकीं ।
पूरे देश के आंकड़े के साथ इसकी तुलना करें तो भारत में 90 प्रतिशत ग्रामीण युवाओं के घर में स्मार्टफ़ोन हैं और इतने ही युवा जिसका प्रयोग करना जानते हैं इसी उम्र की लड़कियाँ 19.8प्रतिशत और लड़के 43.7% स्मार्टफ़ोन ख़ुद का इस्तेमाल करते हैं आंकड़ों बताते हैं कि लड़कों की तुलना में लड़कियाँ कम स्मार्टफ़ोन या कंप्यूटर चलाना जानती है लगभग सभी युवा यानी 90.5% सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं इनमें 87.8%लड़कियाँ जबकि लड़के 92,7 % सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं सूरत सुरक्षा सेटिंग के बारे में भी लड़के लड़कियों की अपेक्षा ज़्यादा जानकारी भी रखते हैं ASAR के सर्वे के मुताबिक़ 80 फ़ीसदी युवाओं ने बताया कि वे मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल फ़िल्म देखने और गाना सुनने जैसी मनोरंजन गतिविधियों के लिए करते हैं।