शक्ति की देवी मां दुर्गा की आराधना में धर्मों के बंधन टूटे
– लोहरदगा पुलिस लाइन में दुर्गा पूजा पर दिखा सौहार्द का अनोखा संगम
– एसपी-एसडीपीओ, सार्जेंट मेजर ने मां दुर्गे की उतारी आरती, किया पूजा-अर्चना
– दुर्गा पूजा भले ही हिंदू धर्म का उत्सव पर सभी धर्मों के आम-खास लोग होते हैं शामिल
– पुलिस लाइन में दुर्गा पूजा के मौके पर महानवमी के हवन अनुष्ठान में एसपी-एसडीपीओ हुए शामिल
– एसपी सादिक अनवर रिजवी, एसडीपीओ श्रद्धा केरकेट्टा की पूजा की तस्वीर देख हर कोई कर रहा सराहना
लोहरदगा : नवरात्र का पर्व वैसे तो हिंदू धर्म का प्रमुख उत्सव माना जाता है, लेकिन लोहरदगा पुलिस लाइन में महानवमी की पूजा ने इस परंपरा को और व्यापक बना दिया। बुधवार को यहां हुए हवन-अनुष्ठान और मां सिद्धिदात्रि की आरती में पुलिस विभाग के अधिकारी और जवान तो शामिल हुए ही, साथ ही सामाजिक सौहार्द की ऐसी मिसाल पेश हुई, जिसने हर किसी का दिल जीत लिया। लोहरदगा के पुलिस अधीक्षक सादिक अनवर रिजवी और एसडीपीओ श्रद्धा केरकेट्टा ने महानवमी के अवसर पर मां दुर्गा की आरती उतारी। माथे पर तिलक और हाथ में आरती की थाली लिए एसपी साहब की तस्वीरें देखते ही देखते चर्चा का विषय बन गईं। लोग कहने लगे कि यही है असली हिंदुस्तान, जहां धर्म की सीमाएं आस्था और भाईचारे के आगे छोटी पड़ जाती हैं। लोहरदगा पुलिस लाइन में महानवमी की यह पूजा सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान भर नहीं रही, बल्कि यह सांप्रदायिक सौहार्द, सामाजिक समरसता और धार्मिक सहिष्णुता की ऐसी मिसाल बनी, जिसकी गूंज लंबे समय तक सुनाई देगी। एसपी सादिक अनवर रिजवी और एसडीपीओ श्रद्धा केरकेट्टा के इस कदम ने न केवल प्रशासनिक गरिमा बढ़ाई है, बल्कि समाज को यह सिखाया है कि जब इंसानियत को सर्वोपरि रखा जाए, तो धर्म और मजहब की दीवारें अपने आप टूट जाती हैं।
सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जिले में अनूठा संदेश
लोहरदगा सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जिला माना जाता है। ऐसे माहौल में मुस्लिम समुदाय से आने वाले एसपी द्वारा मां दुर्गा की आरती करना और हवन में शामिल होना बड़ा संदेश लेकर आया है। इससे एक ओर पुलिस की छवि मजबूत हुई है, तो दूसरी ओर हर वर्ग के लोगों के बीच विश्वास और सौहार्द का माहौल बना है। स्थानीय लोग इसे धर्मनिरपेक्ष भारत की सजीव तस्वीर बताते हुए खुले दिल से सराहना कर रहे हैं।
विश्वकर्मा पूजा में पेश कर चुके हैं सौहार्द की मिसाल
यह पहली बार नहीं है जब एसपी सादिक अनवर रिजवी ने सांप्रदायिक एकता की मिसाल पेश की हो। इससे पूर्व भी उन्होंने विश्वकर्मा पूजा और अन्य धार्मिक आयोजनों में शामिल होकर समाज को यह संदेश दिया था कि त्योहार केवल किसी एक धर्म या समुदाय के नहीं, बल्कि सबके हैं। उनके इस रवैये ने जिले के प्रशासन और आम जनता के बीच नजदीकी और भरोसा बढ़ाने का काम किया है।
आस्था से ऊपर उठकर इंसानियत का संदेश
मां दुर्गा की पूजा को भले ही हिंदू परंपरा का उत्सव कहा जाता है, लेकिन इस बार यह पर्व सभी धर्मों के लोगों के लिए एकता और भाईचारे का प्रतीक बन गया। पुलिस लाइन में हुआ यह अनुष्ठान न केवल धार्मिक आयोजन रहा, बल्कि इसने यह भी साबित कर दिया कि भारत की ताकत उसकी विविधता में एकता है।
सौहार्द और सहिष्णुता का प्रतीक तस्वीर
महानवमी पर ली गई आरती की तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो गईं। लोग लिखने लगे यही है असली भारत, जहां इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है। एसपी साहब ने सांप्रदायिकता पर भाईचारे को चुना। लोहरदगा की यह तस्वीर आने वाली पीढ़ियों को सौहार्द का संदेश देगी।
पूजा में दिखा अद्भुत संगम
पुलिस लाइन में कलश स्थापना से लेकर बुधवार को हुए अनुष्ठान में महानवमी की पूजा तक सभी विधि-विधान पूरे किए गए। इस दौरान पुलिस अधीक्षक सादिक अनवर रिजवी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी वेदांत शंकर, श्रद्धा केरकेट्टा ने विभागीय अधिकारियों एवं जवानों के साथ आरती की। मौके पर डीएसपी संदीप रंजन, सार्जेंट मेजर शेरू कुमार रंजन, परिचारी संपत्ति विवेक कुमार, पुलिस निरीक्षक पुष्पलता कुमारी, एसपी के गोपनीय प्रभारी मनोज कुमार, पुलिस मेंस एसोसिएशन के मुरारी कुमार के साथ-साथ एसोसिएशन के सभी सदस्य एवं पुलिसकर्मी शामिल थे।


















