बदायूं: यूपी के बदायूं में एक ऐसा ममला सामने आया है जिसमें हिंदू युवक और उसके 4 माह के बेटे मांस खिलाने, खतना कराके मुसलमान बनाने का दबाब बनाया। युवक से उसके बच्चे को भी छीन लिया गया है। युवक का कहना है कि वो मुसलमान और उसका बेटा मुसलमान नहीं बनेगा। युवक को उसकी पत्नी और उसके रिश्तेदार मुसलमान बनाना चाहते है। युवक ने योगी सरकर और पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हुऎ एसएसपी बदायूं को शिकायत करके सुरक्षा की मांग की है। ताकि उसके घरवालों पर कोई आंच न आ सके।
सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मीरा सराय के रहने वाले राजकुमार शादियों में हलवाई का काम करता था। हलवाई का काम करने के दौरान शेखूपुर की मुस्लिम युवती अफरोज से संपर्क में आने के बाद दोनों करीब आ गए। दोनों की फोन पर बाते होने लगी। अफरोज के परिजनों को इस बात की जानकारी मिली तब हिन्दू युवक राजकुमार को बहला-फुसलाकर केवल स्टाम्प पेपर पर दिनांक 4 अगस्त 2023 को शादी करा दी। शादी में सभी गवाह अफरोज के रिश्तेदार बने जबकि राजकुमार के घरवालों को इस बात की जानकारी नहीं मिली।
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राजकुमार को मस्जिद में ले जाकर जबरदस्ती नवाज पड़वा कर मीट खिलाया गया और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया गया। जब युवक ने इसका विरोध किया तो 27.10.23 को तलाक दे दिया गया। इसके बाद पीड़ित को लड़की पक्ष ने कोर्ट मैरिज के कागजात दिखाकर 4.01.2024 को हिंदू बनकर रहने का समझौता कर दिया गया। इसके बाद अफरोज और राजकुमार साथ में रहने लगे। युवती भी हिंदू रीति रिवाज से रहकर जीवन जीने लगी। अफरोज और राजकुमार से एक बेटे का जन्म हुआ।
ईद के त्योहार पर अफसोस के घरवाले उसे मायके लेकर चले गए। जब राजकुमार ईद के दिन अफरोज के घर पहुंचा तो उसने देखा कि उसके बेटे को मांस खिलाया जा रहा है। जब राजकुमार ने इस बात का विरोध किया तो मुस्लिम पत्नी ने एक मौलाना और रिश्तेदारों को बुलाकर राजकुमार को पकड़ लिया और उसको जबरदस्ती मुसलमान बनाकर मांस खिलाया जाने लगा जिसका उसने विरोध किया और बेटे को लेकर वहां से भाग खड़ा हुआ।
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राजकुमार अपने बेटे को लेकर जनपद कासगंज के शोरुम पहुंचा और पीछे से अफरोज के घरवाले भी पहुंच गए। वहीं 112 पुलिस ने बेटे को अफरोज मां के हवाले कर दिया। अब पीड़ित ने न्याय की गुहार लगाई है। एसपी ने इस पूरे मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
पीड़ित राजकुमार का कहना है वह किसी भी हालत में मुसलमान नहीं बनेगा और ना ही मांस खाएगा और ना नमाज पढ़ेगा और ना खतना कराएगा। वह चाहता है कि उसका बेटे के साथ ऐसा ना हो। जब उससे शादी की गई तो यह बताया गया कि अफरोज हिंदू रीति-रिवाज से रहेगी। अब उसको अंदेशा है कि अफरोज के घर वाले और रिश्तेदार उसका खतना ना कर दें और उसको मुसलमान ना बना दें। वो किसी भी हालत में नमाज भी नहीं पढ़ेगा।