झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य के डीएसपी से एसपी में प्रोन्नति की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। कोर्ट के इस आदेश के बाद सरकार ने जिन नौ सीनियर डीएसपी को एसपी में प्रोन्नति देने के लिए नाम भेजा था, उसपर रोक लग गई है। जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने यूपीएससी सहित सभी को अगले आदेश तक प्रोन्नति नहीं देने और पूरी प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए चार सप्ताह में सरकार को जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी।
इस संबंध में रजतमणि बाखला और अन्य ने याचिका दायर की है। प्रार्थियों के अधिवक्ता आकाशदीप और विक्रम सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने डीएसपी पद पर तैनात नौ अफसरों को एसपी में प्रोन्नति देने के लिए सूची भेजी है। यह सूची गलत है। सूची में तीन डीएसपी शिवेंद्र, राधाप्रेम किशोर और मुकेश महतो का भी नाम शामिल है।
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इनपर आपराधिक मामले चल रहे हैं। इनके खिलाफ सीबीआई जांच चल रही है। सीबीआई ने तीनों के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया है। ऐसे में इन तीनों अधिकारियों का नाम प्रमोशन के लिए नहीं भेजा जा सकता है। कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है।
दागी डीएसपी का नाम प्रोन्नति के लिए सरकार ने भेजा है जबकि जिनपर कोई आरोप नहीं है, उनका नाम प्रोन्नति के लिए नहीं भेजा गया है। नियमानुसार जिस अधिकारी पर आपराधिक मामला चल रहा है उसका नाम प्रोन्नति के लिए नहीं भेजा जा सकता। इसके बाद कोर्ट ने प्रक्रिया पर रोक लगा दी। सुनवाई के बाद अदालत ने सरकार और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को नियुक्ति प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया।
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