रांचीः पहाड़ और जंगलों से सटे आदिवासी बहुल गांवों में कई प्रेमी जोड़ा गरीबी और पिछड़ापन की वजह से लिव इन रिलेशनशिप में कई सालों तक रह जाते है। लंबे समय तक ऐसी स्थिति में रहने की वजह से उन्हे सामाजिक मान्यता नहीं मिल पाती। शादी का खर्च नहीं उठा पाने की वजह से पारिवारिक और सामाजिक जीवन जीने से दूर रह जाते है और युवक-युवतियां पारंपरिक रीति-रिवाज से शादी किये बिना साथ रहने लगते है।
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गुमला जिले के सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व पुलिस पदाधिकारी जगन्नाथ उरांव के प्रयास से पिछले कई वर्षो से ऐसे जोड़ों की शादी कराई जा रही है। इस बार ऐसे 101 जोड़ों की सामूहिक शादी कराई गई। जिसमें आदिवासी उरांव समाज के साथ ही हिंदू समाज के कई युवक-युवतियों की शादी कराई गई। सभी की शादी पारंपरिक विधि विधान और धार्मिक मान्यता के आधार पर कराई गई।
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गुमला जिले के तेलगांव में नवयुवक संघ तेलगांव की ओर से आयोजित चतुर्थ सामूहिक विवाह कार्यक्रम में ढुकूं विवाह के तहत रहने वाले 101 जोड़ों का विवाह संपन्न कराया गया। इस विवाह में कई ऐसे जोड़े शामिल हुए जो कई सालों से लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे थे और उनके बच्चे भी हो गये। कई जोड़ियों ने बच्चे को गोद में लेकर विवाह किया। विवाह कार्यक्रम में जोड़ों की शादी हिंदू व सरना धर्मविधि से संपन्न करायी गयी। ढोल-मांदर की थाप पर थिरकते युवक-युवतियों का समूह और विवाह के सहभागी बनने उमड़े जनसैलाब का हुजूम के बीच चौथे साल भी सामूहिक विवाह का यह कार्यक्रम संपन्न हुआ।