रांची- कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर आयकर की छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में कैश बरामद किया गया। 5 दिनों तक नोटों की गिनती होती रही। रविवार शाम को नोटों की गिनती खत्म हुई तो 351 करोड़ कैश मिलने की बात आधिकारिक सूत्रों के हवाले से मिली। ओडिसा के बलांगीर स्थित सूदपाड़ा में बलदेव शाह इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी परिसर में आयकर की टीम सोमवार को भी मौजूद है और छापेमारी कर रही है।
आयकर की टीम ने 6 दिसंबर को झारखंड, बंगाल और ओडिशा में साहू परिवार के 10 ठिकानों पर छापेमारी की थी। सबसे लंबे समय तक छापेमारी ओडिशा के बलांगीर में ही चली। हालांकि अभी तक आयकर विभाग की ओर से छापेमारी में बरामद कैश की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। मुख्यरूप से देशी शराब कारोबार से धनअर्जित करने वाला साहू परिवार झारखंड का सबसे रसूखदार परिवार माना जाता है। 100 साल से ज्यादा समय से इस परिवार का राजनीतिक पकड़ और व्यवसायिक पकड़ रहा है। कांग्रेस से इस परिवार का जुड़ाव आजादी के बाद से ही है। धीरज साहू खुद तीन बार से राज्यसभा सांसद है और उनके भाई दो बार रांची से लोकसभा जा चुके है।
देश में अबतक जितनी भी केंद्रीय एजेंसियों द्वारा छापेमारी की गई है उसमें अबतक का सबसे ज्यादा कैश आयकर विभाग की टीम को इस बार मिला है। आयकर ने रिकार्ड 351 करोड़ कैश बरामद किया है जो कि टैक्स चोरी का मामला बनता नजर आ रहा है। इससे पहले 2021 में कानपुर के इत्र कारोबारी पियूष जैन के कानपुर और कन्नौज के जीएसटी इंटेलिजेंस ने करीब 197 करोड़ कैश बरामद किया था। 2022 में महाराष्ट्र के जालना में कपड़ा कारोबारी के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 58 करोड़ कैश और 32 किलो आभूषण बरामद किया गया था। 2018 में तमिनलाडू के सड़क निर्माण कंपनी के ठिकानों पर छापेमारी कर 163 करोड़ कैश बरामद किया गया था। साहू परिवार के पहले बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के और उसके सहयोगी के ठिकानों पर छापेमारी कर 49 करोड़ से ज्यादा कैश बरामद हुआ था तो सियासी भूचाल मचा था और बीजेपी ने विपक्ष को करप्शन के मोर्चे पर घेरा था।