दिल्ली: आम चुनाव के हर चरण के बाद चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों नहीं करता। आखिर पुरानी परंपरा क्यों तोड़ी जा रही है । इसी सवाल के साथ देश भर के पत्रकार सगंठनों ने भारत के निर्वाचन आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है । पत्रकार संगठनों ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर मांग की है कि प्रत्येक चरण में मतदान के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाए और प्रत्येक चरण में डाले गए वोटों की “पूर्ण संख्या” और मतदान के प्रतिशत सहित पूरे चुनाव डेटा को अगले दिन तक जारी किया जाए।
चुनाव आयोग को लिखी गई चिट्ठी
एक संयुक्त पत्र में, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, इंडियन वुमेन प्रेस कॉर्प, प्रेस एसोसिएशन, फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट क्लब और दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने मतदान पूरा होने के बाद भी चुनाव आयोग (ईसी) द्वारा एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित नहीं करने पर निराशा व्यक्त की है।
पुरानी परंपरा क्यों तोड़ी
चिट्ठी में लिखा गया है कि “2019 तक, पिछले आम चुनाव में, प्रत्येक चरण में मतदान के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करना सामान्य बात थी। भारत, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक है और आम चुनाव को ‘लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार’ माना जाता है, नागरिकों को संवैधानिक निकाय, भारत के चुनाव आयोग से यह जानने का पूरा अधिकार है कि मतदान के दिन क्या हुआ था।”
आयोग क्या छुपा रहा ?
पत्रकार सगंठनों ने कहा कि पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को उनके संदेह और भ्रम दूर किए जाते थे ताकि पाठकों,दर्शकों तक सही जानकारी मिल सके। इस बात पर हैरानी और आश्चर्य व्यक्त करते हुए कि चुनाव आयोग पिछले तीन चरणों में “मतदान की पूर्ण संख्या” जारी नहीं कर रहा है, पत्र में कहा गया है कि पिछले चुनावों में ऐसा नहीं था। इसमें कहा गया है कि इस घटनाक्रम से लोगों के मन में चुनाव की निष्पक्षता को लेकर आशंका पैदा हो गई है।
चुनाव आयोग से भरोसा कम हुआ
चिट्ठी में लिखा गया है कि “इस संदर्भ में, हम मांग करते हैं कि चुनाव आयोग हर चरण के मतदान के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करे। इसके अलावा, हम मांग करते हैं कि मतदान के अगले दिन तक संपूर्ण मतदान डेटा, जिसमें डाले गए वोटों की पूर्ण संख्या और मतदान का अंतिम प्रतिशत शामिल है, जारी किया जाए। पत्र में कहा गया है कि चुनाव प्रणाली में मतदाताओं के विश्वास को बनाए रखने के लिए ऐसी पारदर्शिता आवश्यक है।”
गौरतबल है कि चुनाव आयोग से इसी तरह की शिकायत कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दलों ने की है । कांग्रेस अध्यक्ष मल्किलाकर्जुन खड़गे ने इस संबंध में चिट्ठी भी लिखी है ।