रांची: साहिबगंज में 1250 करोड़ रूपये के अवैध पत्थर खनन मामले में मनी लाउंड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी के दूसरे गवाह विनोद जायसवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। विनोद जायसवाल ने इसको लेकर प्रवर्तन निदेशालय को जानकारी दी है। उन्होने आरोप लगाया कि आरोपी पंकज मिश्रा के पक्ष में गवाही देने का उनपर दवाब बनाया जा रहा है।
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अवैध खनन मामले में एक गवाह विजय हांसदा पहले ही गवाही से मुकर चुका है। अब दूसरे गवाह विनोद जायसवाल पर दवाब बनाया जा रहा है। विनोद जायसवाल ने ईडी को जानकारी देते हुए बताया कि साहिबगंज के मंडरो प्रखंड के मुंडली मौजा में उनका नेहा स्टोन वर्क्स नाम से क्रशर प्लांट हैै। क्रशर संचालन के लिए एनजीटी के मापदंडों को पूरा करने के बाद ही प्रदूषण विभाग ने उन्हे चार मार्च 2024 को क्रशर संचालन की अनुमति दी थी। इसकी समाप्ति की अवधि 31 मई 2025 है। इसका पिछले एक हफ्ते से ट्राइल चल रहा था। इसी बीच 8 मई को सदर एसडीएम अंगारनाथ स्वर्णकार, मंडरो अंचलाधिकारी पंकज कुमार भगत और मिर्जा चौकी थानेदार रोहित कुमार उनके क्रशर प्लांट में पहुंचे। उन्होने क्रशर जांच की बात कही।
विनोद जायसवाल ने आरोप लगाया कि क्रशर प्लांट पहुंचने के बाद सदर एसडीएम अंगारनाथ स्वर्णकार उनका हाथ पकड़कर किनारे ले गये और धमकी देते हुए कहा कि पंकज मिश्रा के पक्ष में गवाही देनी होगी। विनोद ने बताया कि जब उसने इससे इंकार किया तो एसडीएम ने धमकी दी और अर्मायादित शब्दों का इस्तेमाल किया। इसके बाद उनका क्रशर मशीन सील कर दिया और चौकी थाने में झूठा आरोप लगाकर प्राथमिकी दर्ज कर दी।
इस मामले में एसडीएम अंगारनाथ स्वर्णकार ने बताया कि विनोद जायसवाल द्वारा लगाया गया आरोप झूठा और निराधार है। विनोद जायसवाल सहित अन्य क्रशर प्लांट की जांच की गई और इसकी वीडियोग्राफी भी की गई है। जांच रिपोर्ट में क्रशर संचालक का हस्ताक्षर भी कराया गया है। जांच में पाया गया कि वहां व्यापक पैमाने पर अनियमितता हुई है। उत्खनित पत्थर और स्टोन चिप्स को बिना ढके खुले में रखा गया था। इसके चलते उक्त क्रशर के संचालन से उठने वाली धूलकणों से मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है। इसी शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।
बाबूलाल ने सरकार को घेरा
ईडी के गवाह को मिली धमकी के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए सरकार को निशाने पर लिया। उन्होने अपने पोस्ट में लिखा है कि राजधानी रॉंची के बिरसा मुंडा जेल से न सिर्फ़ सरकार चलवायी जा रही है बल्कि मनी लॉड्रिंग के मुक़दमों में सजा से बचने हेतु गवाही से मुकरने के लिये गवाहों को प्रलोभन देने, धमकाने और नहीं मानने पर अफ़सरों के माध्यम उन गवाहों को तंग-तबाह करने का अभियान चलाया जा रहा है।
पूरे जेल पर जेल प्रशासन का नहीं बल्कि मनी लॉंड्रिंग में जेल में बंद हेमंत सोरेन जी के दलालों का समानांतर सिक्का चलता है। मुख्यमंत्री @ChampaiSoren जी, इसका संज्ञान लीजिये।जेल से चल रही गवाहों को प्रभावित करने वाले ऐसी कार्यों की जॉंच करा कर दोषी अफ़सरों पर कारवाई कीजिये। वरना अगर बड़ी एजेंसियों की जॉंच हुई तो जॉंच की आँच से आप भी नहीं बच पायेंगे।