झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में मॉब लिंचिंग की घटना हुई है। जिले के घोर नक्सल प्रभावित गुदड़ी थाना क्षेत्र के सुदूर जतरमा गांव में बिहार निवासी तीन फेरीवालों की लाठी-डंडे से पीट-पीटकर व पत्थर से कूचकर हत्या कर दी गई। इस सामूहिक हत्याकांड को रविवार की शाम किए जाने की बात कही जा रही है। पुलिस को हत्या की सूचना सोमवार की शाम को मिली। रात होने एवं घटना की पुष्टि नहीं हो पाने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस रात में गांव नहीं गई।
मंगलवार को पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर से दिशानिर्देश मिलने के बाद बंदगांव, टेबो व गुदड़ी थाने की पुलिस ग्रामीणों के साथ समन्वय स्थापित कर तीनों शवों को गांव से बरामद कर टेबो थाना ले आई। तीनों मृतक बिहार राज्य के पूर्वी चंपारण (मोतीहारी) व शिवहर जिले के रहने वाले थे। तीनों बंदगांव में रह रहे थे और गांव-गांव घूमकर कपड़े बेचते थे। ये लोग अपने साथ लॉटरी का टिकट भी लेकर चलते थे। लॉटरी में जिस किसी का नंबर लग जाता, उसे इनाम के रूप में सामान देते थे।
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मृतकों में मोतिहारी के पताही थाना के सारेया गोपाल निवासी 24 वर्षीय तुलसी कुमार उर्फ तुलसी साह, शिवहर के पुरनहिया थाना के कोल्हुहा ठीकाहा गांव निवासी 26 वर्षीय राकेश कुमार व 22 वर्षीय रमेश कुमार के रूप में की गई है। राकेश व रमेश रिश्ते में सगे भाई थे। पुलिस ने आशंका जताई है कि लाटरी के सामान को लेकर ही गांव वालों के साथ तीनों फेरीवालों का विवाद हुआ होगा। इसके बाद तीनों को गांव के लोगों ने पकड़कर लाठी-डंडे से पीटकर मार डाला। तीनों शव जतरमा गांव के पास नदी किनारे से बरामद किए गए हैं।
ग्रामीणों के अनुसार तीनों फेरीवाले रविवार को भी फेरी का काम करने गये थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। सोमवार को इनके साथियों ने खोजबीन शुरू की तो तीनों की हत्या की बात सामने आई। पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि हत्या का मूलकारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। कुछ ग्रामीणों से पुलिस पूछताछ कर रही है। जांच के बाद स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
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