दिल्लीःइलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में दर्ज वोटों का वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों से पूर्ण सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज आदेश पारित करेगा। Supreme Court ने ईवीएम और VVPAT की कार्यप्रणाली और उनकी सुरक्षा विशेषताओं को समझने के लिए चुनाव आयोग (ईसीआई) के एक अधिकारी के साथ व्यापक बातचीत की। ईसीआई ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती और वीवीपैट पर्चियों की पूरी गिनती व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है।
VVPAT की पर्ची से सत्यापन की मांग
Supreme Court में रिट याचिकाएं एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर), अभय भाकचंद छाजेड़ और अरुण कुमार अग्रवाल द्वारा दायर की गई हैं। याचिकाकर्ताओं ने इस बात पर जोर देते हुए कि मतदाताओं का विश्वास बढ़ाने के उपाय अपनाए जाने चाहिए, तर्क दिया कि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया के बड़े लक्ष्य के लिए एक छोटी सी कीमत चुकाने के लिए परिणामों की घोषणा में कुछ दिनों की देरी की जानी चाहिए। सुनवाई के दौरान पीठ ने मौखिक रूप से मैन्युअल गिनती प्रक्रिया पर भी आपत्ति जताई और कहा कि मानवीय हस्तक्षेप से समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
अभी रैंडमली होती है जांच
मौजूदा नियमों के मुताबिक ईसीआई एक संसदीय क्षेत्र में प्रति विधानसभा क्षेत्र के पांच मतदान केंद्रों से ईवीएम की वीवीपैट पर्चियों का रैंडमली सत्यापन करता है। यह तब हुआ है जबकि 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने एक निर्देश पारित कर कहा था कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक मतदान केंद्र की जगह पांच मतदान केंद्रों का सत्यापन किया जाए
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