दिल्ली : लोकसभा चुनाव के पहले चरण से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूज एजेंसी को दिये गए इंटरव्यू में चुनाव के दौरान उठ रहे मुद्दों और विपक्ष के सवाल के साथ साथ विपक्ष के घोषणा पत्र पर अपनी बात रखी। पीएम मोदी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता, इलेक्टोरल बॉन्ड, केंद्रीय एलेंसी को लेकर उठे सवाल, एलन मस्क, राम मंदिर, विपक्ष के मैनिफेस्टों सहित कई मामलों पर अपनी बात रखी।
प्रधानमंत्री ने विपक्ष के घोषणा पत्र को लेकर कहा कि भारत के विकसित भारत प्रक्रिया के लिए हम काम कर रहे है। विपक्ष का घोषणा पत्र पूरे तौर पर देश के इकोनॉमी को फेल करने वाला घोषणा पत्र। एक तरह से विपक्ष का घोषणा पत्र एक तरह से देश के फर्स्ट टाइम वोटर के भविष्य को रौंदने वाला घोषणा पत्र है, मुझे उनकी जिंदगी बनानी है।
इलेक्टोरल बॉन्ड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “लंबे समय से हमारे देश में चर्चा चली है कि चुनावों में काला धन एक बहुत बड़ा खतरनाक खेल हो रहा है। चुनाव में खर्च होता ही होता है। सभी पार्टियां करती हैं, इससे कोई इंकार नहीं कर सकता। मैं चाहता था कि हम एक कोशिश करें कि काले धन से चुनाव को मुक्ति कैसे मिले। एक छोटा सा रास्ता मिला जिसे संसद में सब ने सराहा था……यदि इलेक्टोरल बॉन्ड नहीं होते तो किस व्यवस्था में ताकत है कि वो ढूंढ के निकालते कि पैसा कहां से आया और कहां गया? ये इलेक्टोरल बॉन्ड्स की सफलता की कहानी है कि इलेक्टोरल बॉन्ड्स थे,… मेरी चिंता ये है कि मैं कभी नहीं कहता कि निर्णय लेने में कोई कमी नहीं है। निर्णय लेने में, हम सीखते हैं और सुधार करते हैं। इसमें भी सुधार के लिए बहुत संभवना है। लेकिन आज हमने देश को पूरी तरह से कालेधन की ओर धकेल दिया है इसीलिए मैं कहता हूं कि हर किसी को इसका पछतावा होगा।…”
विपक्ष के इस आरोप पर कि सभी संस्थाओं पर बीजेपी का कब्ज़ा है पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मंत्री ने कहा, “…हमने चुनाव आयोग में सुधार किया है…एक कहावत है – नाच न जाने आंगन टेढ़ा इसलिए कभी ईवीएम का बहाना बनाएंगे। असल में हार के लिए उन्होंने अभी से कुछ तर्क गढ़ने शुरू कर दिए हैं…”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एलन मस्क के भारतीय बाजार में प्रवेश और रोजगार सृजन पर कहा, “एलन मस्क का मोदी समर्थक होना एक बात है, मूलतः वह भारत के समर्थक हैं…मैं चाहता हूं कि भारत में निवेश आना चाहिए। पैसा किसी का भी लगा हो, पसीना मेरे देश का लगना चाहिए, उसके अंदर सुगंध मेरे देश की मिट्टी की आनी चाहिए, ताकि मेरे देश के नौजवान को रोजगार मिले…”
राम मंदिर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “इस मुद्दे का राजनीतिकरण किसने किया?…वोट बैंक की राजनीति को मज़बूत करने के लिए इस मुद्दे को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया गया और बार-बार इसे भड़काया गया। जब यह मामला अदालत में चल रहा था तब कोशिश की गई कि फैसला ना आए…उनके(विपक्ष) लिए यह एक राजनीतिक हथियार था…अब राम मंदिर बन गया तो उनके हाथ से यह मुद्दा ही चला गया है…”
कांग्रेस के आरोप पर कि ‘400 पार से संविधान रद्द हो जाएगा’ पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जो व्यक्ति UN में जाकर दुनिया की सबसे पुरानी भाषा तमिल भाषा का गुणगान करता है,किस आधार पर उस व्यक्ति पर आप ऐसे आरोप कैसे लगा सकते हैं?….समस्या उनमें (विपक्ष) है वे देश को एक ही सांचे में ढालना चाहते हैं। हम विविधता की पूजा करते हैं…हम इसका जश्न मनाते हैं…”.
कालाधन लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में लंबे अर्से से चर्चा चली है कि चुनावों में कालेधन का बहुत बड़ा खतरनाक खेल हो रहा है। देश के चुनावों को कालेधन से मुक्ति मिलनी चाहिए।
कालाधन खत्म करने के लिए पहले हमने 1000-2000 के नोटों को खत्म किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 20 हजार रुपए तक पार्टियां कैश ले सकती है। मैंने नियम बनाकर 20 हजार को ढाई हजार कर दिया, क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि ये कैश वाला कारोबार चले।
जहां तक इलेक्टोरल बॉन्ड की बात है तो ये उसकी सक्सेस स्टोरी है, क्योंकि इससे मनी का ट्रेल मिल रहा है कि किस कंपनी ने दिया, कैसे दिया, कहां दिया।
केंद्रीय एजेंसी के दुरूपयोग पर प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां तक ईडी, सीबीआई की बात है तो इसमें एक भी कानून मेरी सरकार ने नहीं बनाया है। हमने तो इलेक्शन कमीशन में सुधार किए हैं। पहले तो प्रधानमंत्री एक साइन करके इलेक्शन कमीशन बना देते थे, आज तो उसमें विपक्ष भी रहता है।
नाच न जाने आंगन टेढ़ा…
ये कभी ईडी, कभी सीबीआई, कभी ईवीएम का बहाना निकालेंगे।
मूलत: वो अपनी पराजय के लिए रीजनिंग पहले से सेट करने में लगे हैं, ताकि पराजय उनकी खाते में ना चली जाए।