रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार को विधानसभा में विश्वासमत पेश करेंगे। संख्याबल के आधार पर देखे तो हेमंत सोरेन को विश्वासमत हासिल करने में कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए। विश्वासमत में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने विह्रीप जारी कर दिया है।
इंडिया गठबंधन को विधानसभा में 46 विधायकों का समर्थन है। इसमें जेएमएम के 27, कांग्र्रेस के 17, आरजेडी के एक, माले के एक और एक मनोनीत विधायक को भी वोट देने का अधिकार है। इसमें एक स्पीकर के वोट को जोड़ देंगे तो 47 वोट हो जाएंगे। सरकार को बहुमत के लिए 39 विधायकों का समर्थन चाहिए। वही विपक्ष के पास सदन में 28 विधायकों की ताकत है। जिसमें 24, आजसू के तीन और एनसीपी के एक विधायक का समर्थन है। अगर जेपी पटेल को छोड़ दे जिन्होने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा था तो विपक्ष की ताकत 27 वोट की हो जाती है। नलिन सोरेन, जोबा मांझी , मनीष जायसवाल और सीता सोरेन ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है तो उनको अब वोट देने का अधिकार नहीं है। सिंदरी से बीजेपी के विधायक इंद्रजीत महतो बीमार है और जेएमएम के चमरा लिंडा और लोबिन हेम्ब्रम का रूख अबतक स्पष्ट नहीं है। जेएमएम के दोनों विधायक अनुपस्थित रहते है या खिलाफ में भी वोट देते है तो सरकार के सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने के बाद कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा। दोपहर साढ़े तीन बजे राजभवन में मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। माना जा रहा है कि इसबार हेमंत सोरेन 11 मंत्रियों की पूरी टीम के साथ आ सकते है। माना जा रहा है कि इसमें पुरानी टीम के साथ ही हेमंत सोरेन सरकार चलाएंगे, जेएमएम से बैद्यनाथ राम और कांग्रेस से आलमगीर आलम की जगह इरफान अंसारी या प्रदीप यादव को मंत्री बनाया जा सकता है।