झारखंड के घाटशिला प्रखंड की कालचित्ति पंचायत के बासाडेरा जंगल में बाघ ने अपना डेरा जमा लिया है। हालांकि पिछले 24 घंटे के अंदर बाघ की हलचल नहीं दिखी है। इस कारण सही लोकेशन नहीं पता चल पा रहा है।
बाघ का अंतिम लोकेशन बासाडेरा पहाड़ी में दिखा था। जबतक बाघ को वन विभाग के अधिकारी, ग्रामीण नहीं देखते हैं, या फिर बाघ किसी का शिकार नहीं करता है तो यह कहना मुश्किल होगा कि बाघ का असली लोकेशन क्या है। बासाडेरा और धारागिरी के जंगल में बाघ के लोकेशन होने के कारण बुधवार के दोनों गांव के ग्रामीण जंगल में न लकड़ी लाने गये, न गांव में ज्यादा चहल पहल दिखी।
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बासाडेरा मिडिल स्कूल खुला रहा और बच्चे की उपस्थिति भी ठीक ठाक रही। दूसरी ओर बाघ की तालाश में वन विभाग के अधिकारी बासाडेरा, धारागिरी और बुरुडीह के जंगलों में रात में भी बाघ की तालाश में जुटे हैं। बुधवार को बाध के लोकेशन पता करने को लेकर बासाडेरा के जंगलो में 20 कैमरा वनविभाग के अधिकारी द्वारा लगाया गया है, साथ ही पानी पिने का जहां जहां श्रोत है, वहां भी कैमरे लगाये जा रहे है।
बताया जा रहा है कि बाध एक दिन में 40 से 50 किलोमीटर का रास्ता तय कर रहा है। वन विभाग के रेंजर बिमद कुमार ने कहा कि बाघ की तालाश में वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी लगातार जान जोखिम में डाल जंगल में ही घुम रहे हैं। बाध का लोकेशन को लेकर 20 कैमरे लगाये गये हैं।
अभी तक किसी लोकेशन में बाघ की तस्वीर कैद नही हो रही है। पिछले 24 घंटा से बाघ ने किसी भी घटना को अंजाम नही दिया गया है, जिसके कारण यह कहना मुश्किल है कि आखिर बाध कहां पर है। इसबिच लोगों को जंगल में नही जाने की हिदायत लगातार दी जा रही है, और लोगों को घर में ही रहने को लेकर अलर्ट किया जा रहा है।
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