डेस्कः जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीन सरकारी कर्मचारियों – पुलिस कांस्टेबल मलिक इश्फाक नसीर, स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षक एजाज अहमद और श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज के जूनियर असिस्टेंट वसीम अहमद खान को कथित आतंकी संबंधों के चलते बर्खास्त कर दिया।
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मनोज सिन्हा ने लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के मददगार तीन सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। इनमें जम्मू-कश्मीर पुलिस का कॉन्स्टेबल मलिक इश्फाक नसीर सरकारी स्कूल के अध्यापक एजाज अहमद और गर्वनमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल श्रीनगर में तैनात वसीम अहमद खान शामिल हैं।तीनों बर्खास्त कर्मचारी अब जेल में बंद हैं। इन तीनों की पहचान भी उजागर की गई है। इसमें मलिक इश्फाक नसीर है, जो कि पुलिस कांस्टेबल के पद पर था। दूसरा स्कूल शिक्षा विभाग में टीचर था, इसका नाम एजाज अहमद है। तीसरा श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में जूनियर असिस्टेंट के पद पर था, इसका नाम वसीम अहमद खान है।
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अगस्त 2020 में पदभार ग्रहण करने के बाद से मनोज सिन्हा ने सक्रिय आतंकवादियों और उनके सहायक नेटवर्क, जिसमें ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) और सरकारी संस्थानों में शामिल समर्थक शामिल हैं। दोनों को निशाना बनाकर आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को कमजोर करने को प्राथमिकता दी है।सिन्हा ने आक्रामक आतंकवाद विरोधी अभियान सुनिश्चित किए हैं, जिसमें सुरक्षाबलों ने 2020 से 2024 के बीच जम्मू-कश्मीर में सैकड़ों आतंकवादियों को मार गिराया। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311(2)(c) के तहत 75 से अधिक OGW/आतंकवादियों के सहयोगियों को सरकारी नौकरियों से बर्खास्त किया है।