पटनाः जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरा देश शोक और आक्रोश में है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान जा चुकी है और 17 घायल का अस्पताल में इलाज चल रहा है। सरकार भी इस हमले को लेकर गंभीर हैं और कड़े कदम उठाने के संकेत दे रही है। सैन्य और सामरिक तैयारी भी अपने स्तर पर की जा रही है। इस हमले की जांच शुरू कर दी गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस हमले की जांच की जिम्मेदारी बिहार के बेतिया में एएसपी रहे राजेश कुमार को दी गई है। उनके नेतृत्व में सीआरपीएफ की आर्म्स फोर्स बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में जुट गई है।
कुछ बड़ा होने वाला है ? राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिले गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर
बेतिया में करीब चार साल तक एएसपी अभियान रहे राजेश कुमार फिलहाल जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में सीआरपीएफ के कमांडेंट है। बिहार के भोजपुर जिला के रहने वाले राजेश कुमार तेजतर्रार अधिकारियों में गिने जाते है। बेतिया में एएसपी रहते हुए उन्होने क्राइम कंट्रोल, लॉ एंड ऑडर मेंटेन करने और नशा के खिलाफ अभियान चलाने में बहुत सुर्खियां बटोरी थीं। बेतिया पुलिस मित्र अभियान काफी सफल रहा था।
पहलगाम टेरर अटैक पर पीएम मोदी का बड़ा एलान: आतंकियों की बची-खुची जमीन को मिट्टी में मिला दूंगा
पहलगाम आतंकी हमला के बाद जवाबी कार्रवाई करने में राजेश कुमार की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। सूत्रों की माने ने बड़े स्तर पर इसके जवाबी कार्रवाई को लेकर तैयारी चल रही है। राजेश कुमार के नेतृत्व में सीआरपीएफ ने सर्च अभियान शुरू कर दिया है। पाकिस्तान के स्लीपर सेल की तलाश में सैकड़ों लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ हो रही है।
पहलगाम आतंकी हमले का Exclusive वीडियो आया सामने, लोगों पर बंदूक तानकर बरसाते रहें गोली
बेतिया को नक्सल मुक्त करने में बड़ी भूमिका निभाने वाले पुलिस गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित राजेश कुमार अपने अगले मिशन पर लग चुके है। बेतिया में राजेश कुमार 2012 से 2016 तक एएसपी अभियान के पद पर रहे। पश्चिम चंपारण के नक्सलवाद से ग्रसित जिला होने के चलते सीआरपीएफ से ही उन्हें यहां एएसपी अभियान के पद पर प्रतिनियुक्ति मिली थी। 4 सालों के कार्यकाल में राजेश कुमार ने जिले को नक्सलवाद से मुक्ति दिलाने में अपनी बड़ी भूमिका निभाई। वीटीआर के जंगलों में तमाम सर्च अभियान चलाकर और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से तथाकथित नक्सलियों को जीवन की मुख्य धारा से जोड़ा।उन्हें रोजगार और सम्मानजनक जीवन दिलाने की पहल की गई।