रांचीः हवाई चप्पल पहनी इस महिला को झारखंड की नई पीढ़ी नहीं पहचानी होगी । पुरानी पीढ़ी भी लगभग भूल ही गई होगी जोबा मांझी के संर्घर्ष और पति देवेंद्र माझी के बलिदान को । संसद में सिंहभूम की आवाज बन चुकी जेएमएम सांसद जोबा मांझी लोकतंत्र की ताकत की जीती जागती तस्वीर है ।
जोबा माझी बेचती थीं सब्जी
पैरों में टूटी हुई पुरानी चप्पल, मामूली सी साड़ी और हाथ में देहाती छाता लिए जोबा मांझी कभी इतवारी बाजार में अपने पति के खेतों में पैदा होने वाली सब्जियां बेचने जाया करती थीं। आज उन्हें संसद में बोलते हुए देख इलाके के पुराने लोग फक्र करते होंगे। कहते होंगे जोबा के जज्बे से सीखना चाहिए । जरा सोचिए जिनके पति की हत्या कर दी गई हो, परिवार खेती बारी पर निर्भर हो उस जोबा माझी ने ना सिर्फ राजनीति को अपनाया बल्कि मुकाम भी हासिल किया । अब वो संसद में सिंहभूम की आवाज बुलंद कर रही है ।
पति देवेंद्र माझी थे विधायक
जोबा मांझी जब इतवारी बाजार में सब्जी बेचने जाया करती थीं तब उनके पति देवेंद्र माझी विधायक हुआ करते थे । 1980-90 तक देवेंद्र माझी मनोहरपुर के विधायक थे बावजूद इसके जोबा माझी हर रविवार को हाट में जाकर सब्जी बेच आया करती थी । राजनीति में ऐसी सादगी अब विलुप्त हो चुकी है । जोबा माझी उन गिने-चुने नेताओं में जिन्होंने संघर्ष को ना सिर्फ जिया है बल्कि जिंदा भी रखा ।
पति से सीखी सादगी
1982 में जब स्वर्गीय देवेंद्र माझी से जोबा माझी की शादी हुई तब से लेकर आज तक वो सादगी की शर्तों पर ही राजनीति करती हुई दिख रही है । ऐसे समय में जब कि मुखिया जैसे पद के नेता भी आलिशान गाड़ियों से चलने को स्टेटस सिंबल समझते हैं वैसे दौर में जोबा माझी की यह तस्वीर याद दिलाती है कि राजनीति में सादगी और संघर्ष जिंदा है ।
संसद में जोबा बनीं कोल्हान की आवाज
संसद में उन्हें लगातार बोलने का मौका मिल रहा है और हर बार वो अपने क्षेत्र के लोगों की आवाज बुलंद करती हुई दिख रही हैं लेकिन कभी भी उन्होंने अपने संघर्षों को ढाल बनाते हुए ना इसकी मार्केटिंग करने की कोशिश की और ना ही इसे अपनी मजबूरी बताने की कोशिश की ।