रांची : सरना धर्म कोड लागू करने की मांग को लेकर शनिवार को बुलाये गए भारत बंद से एक दिन पूर्व शुक्रवार शाम को मशाल जुलूस निकाला गया। रांची के जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम से अलबर्ट एक्का चौक तक केंद्रीय सरना समिति, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद,आदिवासी छात्र संघ, आदिवासी सेंगल अभियान के साथ कई आदिवासी संगठनों ने मशाल जुलूस निकाला।
मशाल जुलूस में शामिल केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि 15 करोड़ प्राकृतिक पूजक आदिवासियों को अब तक धार्मिक पहचान नहीं मिली है। सालों से आदिवासी सरना कोड की लड़ाई लड़ रहे है। धर्म कोड नहीं होने की वजह से जबदस्ती प्राकृतिक पूजक आदिवासी को हिंदू और ईसाई बनाया जा रहा है। 15 नवंबर को प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी भी भगवान बिरसा मुंडा के जन्मस्थ्ली उलिहातू आये थे लेकिन सरना धर्म कोड के बारे में कुछ भी नहीं कहा।
केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि 24 दिसंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा डीलिस्टिंग रैली में आदिवासी को हिंदू बताया गया, बाध्य होकर आदिवासी समाज आंदोलन को मजबूर हुआ है। आदिवासी सेंगल अभियान के अध्यक्ष सालखन मुर्मू के आह्रवाहन पर भारत बंद का एलान किया गया है। इस बंद से अनिवार्य सेवाओं को छूट दी गई है।