बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। इनमें राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत पार्टी के कई वरीय नेता शामिल हैं। साथ ही लालू की बेटी रोहिणी आचार्या एवं सीवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब का को भी आरजेडी ने स्टार प्रचारक बनाया है।
आरजेडी के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को स्टार प्रचारकों की यह सूची भेजी है। पिछले दिनों लालू परिवार के अंदर छिड़े घमासान के बीच रोहिणी आचार्या सोशल मीडिया पोस्ट कर चर्चा में आई थीं। उन्होंने तेजस्वी के सलाहकार संजय यादव पर तंज कसने वाला एक पोस्ट भी शेयर किया था। फिर पोस्ट में कहा था कि उन्हें कोई टिकट नहीं चाहिए, बल्कि उनका आत्मसम्मान सर्वोपरि है। रोहिणी 2024 में राजद के टिकट पर छपरा से लोकसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं।
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दूसरी ओर, सीवान के बाहुबली रहे शहाबुद्दीन के निधन के बाद उनके परिवार की आरजेडी के शीर्ष नेतृत्व से दूरी आ गई थी। शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब ने 2024 का लोकसभा चुनाव निर्दलीय लड़ा लेकिन हार गईं। विधानसभा चुनाव से पहले उनकी लालू-तेजस्वी से सुलह हो गई। बताया जा रहा है कि राजद ने रघुनाथपुर से शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब को टिकट भी दिया है।
राजद के स्टार प्रचारकों में प्रदेश राजद अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल के अलावा शिवचंद्र राम, डॉ. कांति सिंह, अब्दुल बारी सिद्दिकी, अली अशरफ फातमी, डॉ. मीसा भारती, महबूब अली कैसर, डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव, अशोक कुमार पांडेय, प्रो. मनोज झा, मुकुंद सिंह को शामिल किया गया है।
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इनके अलावा तनवीर हसन, अशोक कुमार सिंह, रिंकु यादव, कार्तिकेय सिंह, साधु पासवान, महेंद्र प्रसाद विद्यार्थी, उमेश पंडित, अर्जुन राय, डॉ. प्रेमचन्द्र गुप्ता, अभय कुशवाहा, सुधाकर सिंह, सुनील कुमार सिंह, डॉ. उर्मिला ठाकुर, कारी सोहैब, अनिल कुमार सहनी, मुकेश तांती, फुलहसन अंसारी, सुखदेव पासवान, राजेश मांझी, बिजेन्द्र यादव, मुन्नी रजक, राजेश यादव, सैयद फैसल अली और बिनोद श्रीवास्तव को भी स्टार प्रचारक बनाया गया है।
राजद के स्टार प्रचारकों को यह जिम्मेवारी होगी कि वे पूरे बिहार में घूम-घूमकर अपनी पार्टी और घटक दलों के उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे। हालांकि इन प्रचारकों में कई ऐसे हैं जो खुद चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन दो दर्जन से अधिक ऐसे नेता हैं जो विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। वहीं पार्टी ने सांसदों को भी चुनाव में प्रचार करने की जिम्मेवारी दी है।
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