रांची : इंडिया गठबंधन के अंदर कांग्रेस और आरजेडी एक दूसरे को छकाने और शह-मात के खेल में लग गई है। बुधवार रात को कांग्रेस ने झारखंड में अपने तीन उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। हजारीबाग, लोहरदगा और खूंटी से कांग्रेस द्वारा उम्मीदवार की घोषणा किया जाना झारखंड में महागठबंधन के बीच साधारण घटना नहीं है। एक ओर जहां अभी तक आधिकारिक रूप से सीट शेयरिंग की घोषणा नहीं की गई है वही दूसरी ओर कांग्रेस ने सीट शेयरिंग के बिना अपने उम्मीदवार का एलान कर अपने सहयोगी पर राजनीतिक दवाब बनाने की कोशिश की है।
बिहार में जिस तरह से कांग्रेस के साथ आरजेडी बर्ताव कर रही है, कांग्रेस ने अपने तरीके से झारखंड में उसका जवाब दिया है। बिहार में बिना सीट शेयरिंग के ही आरजेडी अपने उम्मीदवारों को सिंबल दे रही है, इसका पलटवार कांग्रेस ने झारखंड में आरजेडी पर किया है। आरजेडी झारखंड में पलामू और चतरा सीट पर दावेदारी पेश कर रही है इसी बीच कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार का एलान कर दिया।
झारखंड कांग्रेस के एक नेता कहना है कि आरजेडी गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रही है जबकि कांग्रेस और जेएमएम ने गठबंधन धर्म का पालन करते हुए एक मात्र विधायक होते हुए भी आरजेडी को झारखंड सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल किया, जबकि मंत्री के लिए चार विधायक पर एक मंत्री का फार्मूला लागू होता है। 2019 झारखंड विधानसभा चुनाव में आरजेडी को सात सीट दिया गया था लेकिन उसे सिर्फ एक सीट पर जीत मिली। झारखंड में गठबंधन के तहत आरजेडी का सिर्फ एक सीट पर दावा बनता है, कांग्रेस और जेएमएम बड़ी पार्टी है झारखंड में। उन्होने कहा कि जेएमएम से सीट शेयरिंग को लेकर किसी तरह की कोई समस्या नहीं है, जिस तरह का बर्ताव बिहार में आरजेडी ने कांग्रेस के साथ किया गया है वो सही नहीं है, झारखंड में कांग्रेस मजबूत है इसलिए कांग्रेस अपने उम्मीदवारों का एलान कर दिया है और अन्य सीटों पर भी अगले दो दिनों में एलान कर दिया जाएगा। कांग्रेस के इस चाल ने दोनों पार्टियों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।