रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े जमीन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक दर्जन बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। इस मामले में कोलकाता और रांची से जुड़े हुए कई लोग गवाह बन गए है।
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ईडी ने जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाने वाले सिंडिकेट चलाने वाले कई सदस्यों के बैंक खाते फ्रीज कर दिये है। इस मामले में रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के प्रधान सहायक असित बरन दास, रांची नगर अंचल के सीओ मुंशी राम समेत दो दर्जन अधिकारी गवाह बने है। ईडी ने रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के दो कर्मचारी संचीत कुमार और तापस घोष के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस की ओर से हेयर स्ट्रीट थाने में एक मामला भी दर्ज कराया गया था, जिसमें रांची की जमीनों से जुड़े फर्जीवाड़े की जांच की जा रही है।
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प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि जमीन घोटाले में प्रियरंजन सहाय और उसकी पत्नी के तीन बैंक खातों में जमा 24.90 लाख रूपये और 6 लाख रूपये कैश फ्रीज किये गए है। गर अंचल के लिपिक मनोज कुमार यादव का बैंक खाता भी फ्रीज कर दिया गया है। जमीन सिंडिकेट के सदस्यों ने मनोज यादव और उनकी पत्नी रेखा यादव के बैंक खातों में अलग-अलग तिथियों में कुल 5.07 लाख रुपये जमा कराए थे। ईडी ने अपनी जांच में पाया है कि प्रियरंजन सहाय के इंडियन बैंक खाते में जमीन सिंडिकेट के लोगों ने 11 सितंबर 2019 से 11 जुलाई 2023 के बीच 15.18 लाख रुपये जमा कराए थे।
आरोपियों ने स्वीकार किया है कि ज्यादातर सौदे नकद में हुए थे। प्रियरंजन सहाय के खाते से जमीन मालिक के वंशज दिलेश्वर महतो, दिलनाथ महतो, गबेश्वर महतो से क्रमश: 5 लाख रुपये, 10 लाख 87 रुपये, 10 लाख 16 रुपये, 2.50 लाख रुपये लिए गए।18 फरवरी 2022 को कुमार राजश्री के खाते से 30 लाख रुपये और कुशवाहा इंजीकॉन के खाते से 10 लाख रुपये जमा किए गए।