रांची: पूर्व सांसद रामटहल चौधरी ने शनिवार को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। पिछले महीने पवन खेड़ा , पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर की मौजूदगी में उन्होने दिल्ली में जाकर कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली थी।
रांची से नहीं मिला टिकट तो छोड़ दी कांग्रेस
बताया जाता है कि कांग्रेस की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय की बेटी यशस्वनी सहाय को रांची से टिकट दिये जाने से नाराज होकर उन्होने कांग्रेस पार्टी छोड़ी है। रांची से सांसद रह चुके रामटहल चौधरी 2019 में बीजेपी से टिकट कटने के बाद निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे थे, लेकिन उस चुनाव में उन्हे करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। 2024 में हो रहे चुनाव में वो रांची से लोकसभा का टिकट चाह रहे थे लेकिन कांग्रेस ने वहां से उन्हे उम्मीदवार नहीं बनाया। प्रेस कांफ्रेंस कर रामटहल ने कहा कि मै कांग्रेस का झोला-डंडा ढोने के लिए शामिल नहीं हुआ था, झोला ढोने की मेरी उम्र भी नहीं है। मुझे जहां मान-सम्मान मिलेगा वहां जाने की है। उन्होने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हे धोखा दिया है। पांच बार रांची के सांसद रह चुके रामटहल चौधरी एक बार फिर बीजेपी में शामिल हो सकते है ऐसे कयास लगाये जा रहे हैै।
नीतीश कुमार से भी कर चुके थे मुलाकात
रांची के प्रेस क्लब में संवाददाता सम्मेलन कर पूर्व सांसद रामटहल चौधरी ने कहा कि उन्हें रांची लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाने का भरोसा प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने दिलाया था ।उनके नेता ओबीसी और जिसकी जितनी आबादी उसकी उतनी भागीदारी की बात करते हैं लेकिन कई दिनों तक रांची लोकसभा सीट का टिकट होल्ड पर रखने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री की बेटी को दे दिया गया।रामटहल चौधरी ने कहा कि जब वह बिहार के मुख्यमंत्री से मिले थे तब वह I.N.D.I.A ब्लॉक के साथ थे ।वह चाहते थे कि मैं जदयू में शामिल हो जाऊं ।इसलिए पटना में उनसे मुलाकात हुई थी ।उनसे भी हमने कहा था कि जदयू तो रांची से चुनाव लड़ता नहीं है तब कैसे होगा? इस बीच कांग्रेस के लोगों ने हमसे संपर्क शुरू किया और उनके भरोसे पर कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन की थी।
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