राहुल गांधी ने विकास के नाम पर आदिवासियों की जमीन छीने जाने पर चिंता जताई और कहा कि अगर उनकी जमीन पर फैक्ट्री लगेगी तो वहां के बच्चों को नौकरी मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि देश में एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदायों की आबादी 90 प्रतिशत है, लेकिन संवैधानिक और मीडिया संस्थानों में उनकी भागीदारी बहुत कम है।
उन्होंने सरकार की आलोचना की कि उसने चंद अमीर लोगों के 16 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ कर दिए, जबकि किसानों के ऋण माफी पर उसे आदत बिगाड़ने का तर्क दिया गया। राहुल गांधी ने जाति आधारित जनगणना कराने, 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण लागू करने और एससी, एसटी, ओबीसी समुदायों के लिए आरक्षण बढ़ाने का वादा किया। उन्होंने अग्निवीर योजना को खत्म करने, प्रत्येक परिवार के लिए 15 लाख रुपये तक स्वास्थ्य बीमा, धान पर 3200 रुपये एमएसपी, गैस सिलेंडर की कीमत 400 रुपये करने और कमजोर वर्गों के लिए सामाजिक कल्याण योजनाओं में वृद्धि का आश्वासन दिया।
उन्होंने मणिपुर संकट पर सरकार की निष्क्रियता की आलोचना की, यह कहते हुए कि प्रधानमंत्री वहां नहीं गए, जब मणिपुर जल रहा था।