रांची : झारखंड के विश्वविद्यालय में एक बार फिर से आवश्यकता आधारित शिक्षकों की नियुक्ति होगी। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने पूर्व के राज्यपाल द्वारा लगाई गई रोक को हटा दिया है। नियमित शिक्षकों की कमी और छात्रों के हित में ये फैसला लिया गया है।
राज्यपाल ने राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग को नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दे दिया है। राज्यपाल द्वारा भेजे गए आदेश पत्र में कहा गया है कि जहां शिक्षकों की कमी है और जहां छात्र हित में पढ़ाने के लिए शिक्षकों की आवश्यकता है , वहां रिक्त स्थान के आधार पर आवश्यकता आधारित शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करें।
नियक्ति के लिए अभ्यर्थियों को चांसलर पोर्टल पर आवेदन करना होगा। उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने कहा है कि चुनाव आचार संहिता को देखते हुए सभी विवि आठ मार्च 2024 तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करा लें। हालांकि कई विवि के कुलपतियों ने राज्यपाल व उच्च शिक्षा प्रधान सचिव से नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के लिए और समय मांगा है। जिससे आवेदन की स्क्रूटनी कराने व साक्षात्कार लेने की प्रक्रिया पूरी की जा सके।
आवश्यकता आधारित शिक्षक की नियुक्ति विवि व कॉलेज में स्वीकृत रिक्त पद के विरूद्ध ही जायेगी। इस नियुक्ति के लिए अभ्यर्थी का नेट या पीएचडी उत्तीर्ण होना आवश्यक है। राज्य में वर्तमान में लगभग 400 आवश्यकता आधारित शिक्षक कार्यरत है। वर्ष 2017-18 में शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए इन शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। पूर्व में इन्हे प्रति कक्षा 600 रूपये व अधिकतम 36 हजार रूपये मानदेय का प्रतिमाह भुगतान किया जाता था। अब इन्हे प्रतिमाह अधिकतम 5770 रूपये का भुगतान किया जा रहा है।