पटना: लोकसभा का चुनाव परिणाम इस बार ऐसा रहा कि किसी भी पार्टी को अपना स्पष्ट बहुमत नहीं मिला, हां एनडीए गठबंधन को जरूर बहुमत में आई। इंडिया गठबंधन का भी प्रदर्शन पिछले चुनावों से बेहतर रहा। ऐसे में इंडिया गठबंधन के सरकार बनाने की पहल करने से पहले ही एनडीए ने बैठक कर नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का फैसला कर लिया।
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एनडीए की सरकार में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की बहुत अहमियत मानी जा रही है। दोनों के समर्थन से ही बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने वाली है। लेकिन इस बीच इंडिया गठबंधन की ओर से भी नीतीश कुमार को गठबंधन में वापस आने का ऑफर दिया गया था। जेडीयू के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता केसी त्यागी ने दावा किया कि इंडिया गठबंधन की ओर से संपर्क किया गया, हमारे नेता नीतीश कुमार ने किसी पेशकेश को सिरे से नकार दिया, वरना प्रपोजल यहां तक आएं है कि नीतीश जी प्रधानमंत्री हो जाएं और ऐसे प्रपोजल उन लोगों की ओर से आ रहे है, जिन्होने नीतीश कुमार को गठबंधन का संयोजक बनाने तक से इंकार कर दिया था। हम इसके जन्मदाता थे, हमने कांग्रेस पार्टी की पॉलिटिकल अनटचेबिलिटी खत्म की। अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी ये सब कांग्रेस के साथ मंच शेयर करने को तैयार नहीं थे। जेडीयू नेता केसी त्यागी ने आगे कहा, ‘जिस तरीके का व्यवहार हमारे नेता और हमारी पार्टी के साथ हुआ, उसी का नतीजा था कि हम इंडी गठबंधन से बाहर आए और NDA जॉइन किया. इतिहास गवाह है कि उस दिन से ही फिजा बननी शुरू हो गई.’ विपक्ष के कई शीर्ष नेता नीतीश कुमार से बात करना चाहते थे. लेकिन पार्टी ने तय किया है कि पीछे झांकने का प्रश्न ही पैदा नहीं होता. हम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए को ही मजबूत करेंगे.’