रांची : चंपाई सोरेन सरकार में कांग्रेस के कोटे से नये विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दिये जाने से नाराज कांग्रेस के आठ विधायक दो दिनों से दिल्ली में है। झारखंड सरकार में मंत्री बने आलगीर आलम, बन्ना गुप्ता, बादल पत्रलेख और रामेश्वर उरांव को हटाने की मांग को लेकर दिल्ली पहुंचे कांग्रेस विधायकों की पार्टी अध्यक्ष खरगे से मुलाकात नहीं हो सकी।
दो दिन से डेरा जमाये कांग्रेस विधायकों से झारखंड कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने मुलाकात की। उनके साथ कांग्रेस पार्टी के आब्जर्वर भी मौजूद थे। दोनों ने एक एक कर विधायकों की शिकायत को सुना। ये दोनों कांग्रेस पदाधिकारी कांग्रेस अध्यक्ष और केसी वेणुगोपाल से मिलकर विधायकों का पक्ष रखेंगे। विधायकों ने सोमवार तक दिल्ली में ही रहने का फैसला किया है और पार्टी आलाकमान के निर्देश का इंतजार करेंगे।
उधर अंतिम क्षण में मंत्री बनने से चूक गए जेएमएम विधायक बैजनाथ महतो ने रांची स्थित अपने आवास पर अपने समर्थकों के साथ बैठक की। बैजनाथ राम के समर्थकों ने आगे के फैसले के लिए विधायक को अधिकृत कर दिया है। बैठक के बाद उन्होने कहा कि यह देश की पहली घटना होगी जब राजभवन से आमंत्रण मिलने के बाद भी शपथ ग्रहण से अंतिम क्षण में रोक दिया गया ।हमने मुख्यमंत्री एवं पार्टी के नेताओं को अपनी बात रख दी है ।मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया है कि वह दिल्ली से लौटने के बाद इस मुद्दे का हल निकाल लेंगे, दो से तीन का समय मुख्यमंत्री ने मांगा है ।हमें उम्मीद है कि जल्द उन्हें मंत्री बनाया जाएगा ।उन्होंने कहा कि उन्हें राजभवन से फोन आ चुका था, वे राजभवन पहुंच ही गए थे मगर पहुंचने के जस्ट पहले उन्हें मुख्यमंत्री आवास पहुंचने को कहा गया. बताया गया कि कांग्रेस से इस मुद्दे पर विवाद हो गया है,इसलिए अभी आपका शपथ ग्रहण नहीं कराया जा रहा है ।मगर जल्द ही इसका फैसला कर लिया जाएगा ।उन्होंने कहा कि हमारी सरकार को कांग्रेस के दबाव में नहीं आना चाहिए,क्योंकि कांग्रेस के हिस्से का चार मंत्री पद उन्हें मिल चुका है ।मुख्यमंत्री को मजबूती के साथ अपने फैसले पर अडिग रहना चाहिए।उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि अब आगे क्या होगा, देखना होगा।हां मगर इतना तय है कि जल्द ही इसका फैसला नहीं हुआ तो हमारे लिए पूरा आसमान खुला है।