खूंटी: केंद्रीय मंत्री और झारखंड के मुख्यमंत्री रहे अर्जुन मुंडा और नीलकंठ मुंडा के बीच क्या सबकुछ सामान्य हो गया है, दोनों नेताओं के बीच जो दूरियां थी वो खत्म हो गई है। अर्जुन मुंडा और नीलकंठ मुंडा की एक साथ आई तस्वीरें तो यही बताने की कोशिश कर रही है।
5 साल बाद मिले अर्जुन और नीलकंठ
बीजेपी में रहकर भी दोनों नेताओं के बीच बहुत अच्छे संबंध नहीं रहे है, 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद दोनों नेताओं के बीच रविवार को पहली मुलाकात हुई। इसकी पहल खुद अर्जुन मुंडा ने की। वो रविवार को खूंटी में नीलकंठ मुंडा के घर जाकर उनसे मुलाकात की। यही नहीं दोनों नेता एक साथ सरहूल महोत्सव में नजर आये। इन पांच सालों के दौरान दोनों की आमने-सामने कभी मुलाकात की तस्वीर नहीं है। रविवार को इन तस्वीरों को खुद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया।
नीलकंठ के भाई है खूंटी से कांग्रेस उम्मीदवार
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2019 के लोकसभा चुनाव में बहुत कम अंतर से अर्जुन मुंडा खूंटी संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीते थे। उनका मुकाबला सीधे कांग्रेस उम्मीदवार कालीचरण मुंडा से था जो नीलकंठ मुंडा के भाई है। इस बार के चुनाव में भी कालीचरण कांग्रेस के उम्मीदवार है। नीलकंठ मुंडा के सामने धर्मसंकट की स्थिति तब भी थी और आज भी है कि वो पार्टी के साथ जाए या परिवार के साथ। एक तरफ उनकी पार्टी के शीर्ष नेता अर्जुन मुंडा है तो दूसरी तरफ उनके भाई कालीचरण मुंडा। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के करीबी माने जाने वाले नीलकंठ मुंडा से अर्जुन मुंडा ने मुलाकात कर इस चुनाव में अपने लिए समर्थन मांगा। माना जाता है कि पिछले चुनाव की तरह इस चुनाव में भी खूंटी में कांटे का मुकाबला देखने को मिल सकता है। इसलिए अर्जुन मुंडा खुद नीलकंठ के घर गए और उनसे समर्थन मांगा। इससे पहले अर्जुन मुंडा ने दो दिन पहले ओडिशा के राज्यपाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के घर जाकर मुलाकात की थी। अर्जुन मुंडा अपनी ओर से कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहते है इसलिए अपने लिए समर्थन मांगने को खुद जा रहे है। पुराने खटास को खत्म करने की अर्जुन मुंडा की मुहिम इस बार क्या रंग लाती है ये तो चुनाव परिणाम के बाद ही दिखेगा।