रांची: बड़गाई अंचल के बरियातू स्थित 8.86 एकड़ जमीन मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गुरूवार रात तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें फर्जी डीड लिखने वाले हजारीबाग में तैनात मुंशी मोहम्मद इरशाद और कोलकाता स्थित रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के दो कर्मचारी तापस घोष और संजीत कुमार को गिरफ्तार किया गया है। इन तीनों को शुक्रवार पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा।
जमीन से जुड़े इसी मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अभी होटवार जेल में बंद है। ईडी ने फर्जी डीड मामले में जिन तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है उनके खिलाफ फर्जी डीड तैयार करने को लेकर पर्याप्त साक्ष्य मिले है। इसी को आधार बनाकर ईडी कोर्ट से इनका रिमांड मांगेगी। इस जमीन की फर्जी डीड मोहम्मद सद्दाम ने बड़गाई अंचल के पूर्व राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप और अपने गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर तैयार की थी। उसने 1940 के डीड संख्या 3985 में फर्जीवाड़ा किया, उक्त डीड को पहले उसने बलका पाहन के नाम पर बनाया फिर वह जमीन असर हुसैन को बेच दिया। ईडी इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बड़गाई अंचल के पूर्व राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप को गिरफ्तार कर चुकी है। वही 16 अप्रैल को इसी मामले को लेकर जेएमएम नेता अंतू तिर्की, जमीन कारोबारी विपिन सिंह, प्रिय रंजन सहाय और इरशाद अख्तर को भी गिरफ्तार किया था।
Minister Alamgir Alam के OSD संजीव लाल की पत्नी से ED कर रही है पूछताछ, पति-पत्नी को आमने सामने बैठाकर पूछे जा रहे है सवाल
ईडी को जांच के दौरान पता चला कि मोहम्मद इरशाद ने ही उस जमीन की फर्जी डीड लिखी थी। इसके बाद जांच ईडी ने मोहम्मद इरशाद की हैंडराइटिंग और फर्जी डीड को जांच के लिए लैब में भेजा। जांच में दोनों का मिलान हो गया। ईडी को यह भी पता चला है कि मुंशी इरशाद ने फर्जी डीड लिखने के लिए सद्दाम से आठ लाख रूपये लिये थे। वही तापस घोष और संजीत कुमार ने कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस से 1940 के ऑरिजनल डीड के कागजात निकालकर घोटाले के मुख्य आरोपी मोहम्मद सद्दाम और असफर अली उर्फ अफ्सू खान को दिये थे। इसकी एवज में सद्दाम ने पापस को 21 लाख और संजीत को 8 लाख रूपये दिये थे।