पटना : चार साल बाद राबड़ी आवास पर हो रहे चूड़ा दही भोज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हुए। अपने आवास से पैदल ही निकलकर वो एक अणे मार्ग पहुंचे। उनके साथ जेडीयू सांसद ललन सिंह और प्रदेश के वित्त मंत्री विजय चौधरी भी पैदल चलकर राबड़ी देवी के आवास पहुंचे। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गेट से बाहर आकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
करीब 90 दिनों के बाद लालू और नीतीश की एक दूसरे से मुलाकात हुई। इस दौरान मनमुटाव की कई खबरें मीडिया में चलती रही। दोनों नेताओं के बीच चूड़ा दही खाने के दौरान काफी देर तक बातचीत होती रही। उनके बातचीत से देश और प्रदेश स्तर की राजनीति को लेकर क्या खिचड़ी पकी ये तो आगे ही पता चलेगा, लेकिन पिछले 90 दिनों के दौरान जिस तरह से उनके रिश्तों में खटास की खबरें चल रही थी, उसको फिलहाल विराम लगता नजर आ रहा है।
राबड़ी आवास पर हो रहे दही चूड़ा भोज में महागठबंधन के कई नेता शामिल हुए। कार्यकर्ताओं के लिए भी राबड़ी आवास का दरवाजा खोल दिया गया है। इस आयोजन के लिए वैशाली से विशेष तौर पर दही मंगाया गया था। रविवार से ही राबड़ी आवास पर इस भोज की तैयारियां चल रही थी। मकर संक्रांति को लेकर हुए भोज में जेडीयू सांसद ललन सिंह, विजय चौधरी, विजेंद्र यादव, विधानसभा अध्यक्ष समेत कई बड़े नेता शामिल हुए।
राबड़ी आवास पर हुए भोज में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने कैबिनेट में सहयोगी मंत्री रत्नेश सदा के आवास पर पहुंचे। वहां हो रहे चूड़ा दही भोज में भी मुख्यमंत्री शामिल हुए, इस दौरान उनके साथ मंत्री विजय चौधरी, मंत्री संजय झा और जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी मौजूद थे।
वही दूसरी ओर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्र्राट चौधरी के आवास पर भी चूड़ा दही भोज का आयोजन किया गया है। सम्राट चौधरी ने मकर संक्राति के मौके पर गरीबों के बीच कंबल वितरण भी किया। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होने कहा कि कांग्रेस ने पहले लालू यादव का राजनीतिक कैरियर खत्म किया और अब नीतीश कुमार का कर रही है।