चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर किसी ने लिखा है कि 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा हुई तो चंडीगढ़ में लोकतंत्र की मर्यादा की स्थापित हो गई। जो वीडियो वायरल है उसे देखने के बाद पूरे देश में गैर एनडीए दलों ने एक साथ बीजेपी पर हमला बोल दिया है । मेयर के चुनाव में बीजेपी के वोट कम होने के बावजूद हुई जीत को लेकर तमाम आरोप लगाए जा रहे हैं ।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि
‘चंडीगढ़ मेयर चुनाव में दिन दहाड़े बेईमानी करके भाजपा को जिता दिया गया। देश के लोकतंत्र के लिए ये गुंडागर्दी बेहद ख़तरनाक है।’
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, “आज का दिन हमारे देश के लोकतंत्र में काले दिन के रूप में लिखा और याद किया जाएगा। दुर्भाग्य से, यह वही महीना है जब हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं। आज संविधान को तार-तार किया गया। चंडीगढ़ मेयर चुनाव को जिस तरह मीडिया के सामने, कैमरे के सामने भाजपा ने लूटा लिया।
उन्होंने इसके पहले मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, पूर्वोत्तर राज्यों में भी ऐसा किया था। तो ये उनकी पुरानी आदत है…”कांग्रेस पार्टी ने लिखा कि “चंडीगढ़ में मेयर का चुनाव था। BJP के पास बहुमत नहीं था लेकिन चुनाव भाजपा जीत गई.. जानने के लिए क्रोनोलाजी समझिए?
कुल 36 सीट थी। Congress और AAP गठबंधन के पास 20 वोट थे और BJP के पास 16 वोट। इसके बाद BJP के नेता को पीठासीन अधिकारी बनाया गया।
वीडियो में वही अधिकारी Congress और AAP गठबंधन के 8 वोट इनवैलिड घोषित करता दिख रहा है। इस तरह BJP ने चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में सरेआम लोकतंत्र की हत्या की है।”
आम आदमी पार्टी के राघव चढ्ढा ने कहा कि “जब किसी भी Vote को अवैध घोषित किया जाता है तो उस vote को दोनों पार्टी के Election Agent को दिखाया जाता है
और Deputy commissioner की सहमति से वोट को अवैध घोषित कर दिया जाता है.लेकिन आज Presiding Officer ने ऐसा कुछ नहीं किया सोचिए अगर BJP Mayor चुनाव में ऐसा कर सकती है तो लोकसभा चुनाव में अपनी हार देख कर क्या-क्या करेगी”
वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा ने भी चंडीगढ़ मेयर के चुनाव के तरीके पर ऐतराज जताते हुए कहा है कि ”चंडीगढ़ मेयर के “फ्रॉड” इलेक्शन के बाद अब भारत की चुनाव व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न लग चुके हैं । विपक्ष के लिये ये आने वाले कल का संकेत है।”