देवघर : बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने शुक्रवार को देवघर कॉलेज के मैदान में भक्तों को कथा सुनाई। उनकी कथा को सुनने के लिए एक लाख से ज्यादा लोग इकट्ठा हुए थे। देवघर पहुंचने पर धीरेंद्र शास्त्री ने बाबा बैद्यनाथ के दर्शन किये और जल चढ़ाया। उनके साथ गोड्डा सांसद निश्किंत दुबे भी मौजूद थे।
देवघर के कॉलेज मैदान में धीरेंद्र शास्त्री ने कथा शुरू करने से पहले लोगों को संबोधित करते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होने कहा कि झारखंड की सरकार आने नहीं दे रही थी, बाबा बैद्यनाथ ने बुला लिया तो बागेश्वर धाम का यह दास चला आया। उन्होने कहा कि अब आ गए है तो जाएंगे नहीं। गोड्डा के सांसद ने बहुत मुश्किल से अनुमति दिलाया है। अगली बार आएंगे तो सात दिन का प्रवचन करेंगे और दिव्य दरबार भी देवघर में लगाएंगे। झारखंड में भी सनातन का परचम लहराना है। देश के हिंदुओं को जगाना है और एक होकर भारत को हिंदू देश बनाना है। उन्होने आगे कहा कि कथा तो एक बहाना है दरअसल देश के हिंदुओं को जगाना है। जब हिंदू जाग नहीं जाएगा तब तक यात्रा चलती रहेगी।
कथा के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने बाबा बैद्यनाथ के देवघर में स्थापित होने के प्रसंग को भी सुनाया। रावण किस तरह लेकर जा रहा था और शिवलिंग कैलाश नहीं ले जा सका। संदेश दिया कि संसार में बलवान नहीं टिकता। केवल भक्त टिका रहता है।दुनियां के लोगों से अपील किया कि वह द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक बाबाबैद्यनाथ के दरबार में आएं। यहां शव भी शिव हो जाता है। देवघर के लोगों को नीडर की संज्ञा दी और कहा कि वह किसी ने नहीं डरते क्योंकि वे तो देवताओं के घर देवघर में रहते हैं। बाबा भोलेनाथ के 12 श्रृंगार का भी वर्णन किया। आए हुए सनातनियों को समझाया कि मन में प्रभु राम का चरित्र रखो। किस स्थान पर रहते हो यह जरूरी नहीं आवश्यक है मन का भाव।उदाहरण दिया कि राम राज्य में मंथरा का स्वभाव नहीं बदला और रावण राज्य में विभीषण बिगड़ नहीं पाया। बागेश्वर बाबा आध्यात्म के रास्ते लोगों को समझाते रहे कि सांसारिक रास्ते पर चलने का सुलभ मार्ग प्रभु राम को मन में बसा लेना है। शिव और हनुमान तो एक ही हैं।