देवघर : झारखंड की राजनीति में आने वाला क्या होने वाला है इसको लेकर गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने बड़ा दावा किया है। निशिकांत दुबे ने कहा है कि मै बड़े दावे के साथ कहना चाहता हूं कि अगला 7 दिन झारखंड सरकार के लिए बहुत ही कष्टकारी होने वाला है।
झारखंड की राजनीति में अगले सात दिनों में क्या होने वाला है इसको समझना है तो ईडी के अगले एक्शन को लेकर समझा जा सकता है। प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 9वां समन दिया है जिसमें उनको 27 जनवरी से लेकर 31 जनवरी के बीच ईडी के सामने आकर बयान दर्ज कराये को कहा गया है। मुख्यमंत्री से ईडी ने 20 जनवरी को उनके आवास पर जाकर जमीन घोटाला मामले में पूछताछ की थी, उसके बाद एक बार फिर ईडी का समन को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे है।
निशिकांत दुबे के बयान को राज्य की राजनीति में होने वाले संभावित बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। निशिकांत दुबे राजनीतिक पूर्वानुमान लगाये के लिए भी जाने जाते है। 2023 में मुख्यमंत्री अपने सभी विधायकों को लेकर जब रायपुर निकले थे तो भी राज्य में राजनीतिक अस्थिरता को लेकर निशिकांत दुबे ने बयान दिया था। अब जब गांडेय विधानसभा सीट से विधायक सरफराज ने इस्तीफा दिया तो निशिकांत ने इसे सोरेन परिवार से जोड़कर बताया और आखिर में मुख्यमंत्री को खुद सामने आकर इसका खंडन करना पड़ा। अब एक बार फिर निशिकांत दुबे में राज्य की राजनीति में अस्थिरता को लेकर बयान दिया है जिसके मायने निकाले जा रहे है।
दरअसल, निशिकांत दुबे 22 जनवरी को बाबा बैद्यनाथ मंदिर की सज्जा नहीं किये जाने को लेकर मंदिर प्रशासन पर भड़के हुए थे, उनका कहना था कि देश भर के मंदिरों को उस दिन सजाया गया लेकिन इस मंदिर को नहीं। निशिकांत दुबे ने कहा कि इस मंदिर के प्रभारी है एसडीओ उनको मैने खुद से फोन कर कहा था कि बाबा का मंदिर सजना चाहिए, आपको पता है कि बाबा मंदिर का सरकारीकरण हो गया है और माननीय मुख्यमंत्री इसके ट्रस्ट के चेयरमैन है और मै ट्रस्टी हूं। मेरे कहने के बाद भी मंदिर नहीं सजा, मैने फिर एसडीओ से कहा कि अगर आप नहीं सजा सकते तो मुझे कहिये मै ही सजाउगा, फिर मैने अपने लोगों को भेजा और कहा कम से कम लाइटिंग हो जाए। बाबा के मंदिर में जो भी राजनीति करते है उनका सर्वनाश निश्चित है, मै बहुत दावे के साथ कहता हूं कि अगला 7 दिन झारखंड की राजनीति के लिए बहुत ही कष्टकारी है।