गिरिडीह: छात्र नेता और गिरिडीह सीट से निर्दलीय उम्मीदवार जयराम महतो की सभाओं में उमड़ रही भीड़ ने सबके होश उड़ा दिये है। मंगलवार को डुमरी के केबी हाईस्कूल ग्राउंड में जयराम महतो को सुनने के लिए भारी संख्या में भीड़ पहुंची। जयराम महतो ने अपने उसी अंदाज में सभा को संबोधित किया। गाड़ी की छत पर खड़े होकर जयराम ने कहा कि इस बार गिरिडीह की जनता इतिहास लिखेगी।
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गिरिडीह में त्रिकोणीय मुकाबला
जयराम महतो की सभा में उमड़ रही भीड़ बता रही है कि इस बार गिरिडीह का सांसद बनने की राह उतनी आसान नहीं होने वाली है। आजसू पार्टी से उम्मीदवार और सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी को एक बार फिर से सांसद बनने के लिए सिर्फ जेएमएम उम्मीदवार मथुरा महतो का ही सामना नहीं करना है बल्कि एक युवा उम्मीदवार जयराम महतो भी उनके सामने चुनौती बनकर खड़े है। इस बार की चुनावी लड़ाई त्रिकोणीय होने जा रही है ये बात तय मानी जा रही है।
जयराम वोट काटेंगे या बनेंगे विजेता
जयराम महतो के चुनाव मैदान में मजबूती से खड़े है, उनकी सभाओं में खूब भीड़ भी रहती है। जयराम महतो इस भीड़ को वोट में कितना बदल पाते है ये 25 मई को ही पता चलेगा। जयराम महतो को इस बार चुनाव में कई मुद्दों का लाभ मिलता दिख रहा है। जिस तरह से उन्होने स्थानीयता, खातियान और छात्र का मुद्दा उठाया उससे उनकी राजनीतिक नींव मजबूत हुई। नॉमिनेशन के दौरान उनकी गिरफ्तारी को लेकर हुए ड्रामें ने एक तरफ जहां जयराम को एक बार फिर से चर्चा में लाने का काम किया, बल्कि उनके समर्थक और वोटर को भी एकजुट करने का काम किया। ये अलग बात है कि नामांकन के बाद भी जयराम प्रचार करते रहे लेकिन उन्हे पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई। जयराम के साथ ऐसा क्यों हुआ और इससे किसे राजनीतिक लाभ या नुकसान हुआ इसका जवाब 4 जून को पता चलेगा जब चुनाव के नतीजे आएंगे। जयराम के चुनाव मैदान में डटे होने और उनके साथ खड़ी हो रही भीड़ क्या एनडीए उम्मीदवार चंद्रप्रकाश चौधरी को नुकसान कर रही है या फिर जेएमएम उम्मीदवार मथुरा महतो की मुश्किलें बढ़ा रही है उसपर सबकी नजरें टिकी हुई है। क्या जयराम को इतने वोट मिल जाएंगे कि वो दो बड़े राजनीतिक गठबंधन के उम्मीदवार को शिकस्त देकर इतिहास रच देंगे, या फिर किसी एक उम्मीदवार का खेल बिगाड़ देगे ये बहुत दिलचस्प है। राजनीति के जानकार बताते है कि जयराम को मिलने वाले वोट का एक बड़ा हिस्सा एनडीए उम्मीदवार को वोट है, उनके द्वारा पाये जाने वाले वोट में अधिकांश हिस्सा एनडीए का हो सकता है, ऐसे में जेएमएम उम्मीदवार को इस चुनाव में इसका फायदा हो सकता है। जयराम को जितना ज्यादा वोट मिलेगा, एनडीए उम्मीदवार की जीत उनसे और दूर होती चली जाएगी। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि जयराम क्या इतना वोट आयेगा कि वो संसद तक पहुंच जाए या फिर वो इतने वोट पा लेंगे कि अगर एनडीए उम्मीदवार की हार होती है तो उसके लिए जयराम को जिम्मेदार माना जाएगा या फिर वो सिर्फ एक वोट कटुवा बनकर रह जाएंगे। इस सब सवालों के जवाब के लिए हमें चार जून का इंतजार करना होगा, क्योकि इससे ही जयराम महतो के राजनीतिक भविष्य तय होगा।