डेस्कः बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा द्रेशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किये गये इस्कॉन के पुजारी चिन्मया दास 156 दिन बाद जेल से बाहर निकले। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद वो बुधवार को जेल से बाहर आये। ISKCON के पूर्व पुजारी दास की गिरफ्तारी को भारत और वैश्विक समुदाय ने न्यायिक उत्पीड़न बताया था। उनकी रिहाई को बांग्लादेश में हिंदुओं की न्याय और सुरक्षा की उम्मीद की जीत मानी जा रही है।
चिन्मय दास पिछले 6 महीने से जेल में बंद थे। बता दें कि शेख हसीना के शासन के खात्मे के बाद चिन्मय दास बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं के लिए एक प्रमुख आवाज के रूप में उभरे थे। इसके बाद उन्हें 25 नवंबर को देशद्रोह के आरोप में ढाका पुलिस की जासूसी ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया था। अपनी गिरफ्तारी के बाद उन्होंने 26 नवंबर को चटगांव के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में जमानत याचिका दाखिल की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। तब से वह जेल में थे।