भारतीय नौ सेना के युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य ने शौर्य का परिचय देते हुए अमेरिकी मालवाहक जहाज को समुद्री ठाकुओं और हूती विद्रोहियों के से बचाया है । लाल सागर और अदन की खाड़ी में 18 जनवरी को रात साढ़े बारह बजे आईएनएस विक्रमादित्य को डिस्ट्रेस कॉल मिली जिसमें अमेरिकी मालवाहक जहाज गेनको पिकार्डी ने हूती आतंकवादियों के हमले की जानकारी दी । आईएनएस विक्रमादित्य अदन की खाड़ी में एंटी पायरेसी मुहिम के तहत तैनात है । मालवाहक जहाज पर हमले की खबर के बाद मदद देने पहुंचा भारतीय नौसेना के इस युद्धपोत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए डाकुओं को खदेड़ दिया । गेनको पिकार्डी में कुल 22 क्रू मौजूद हैं जिनमें 9 भारतीय है । किसी भी क्रू मेंबर को नुकसान की खबर नहीं है।
बाद में भारतीय नौ सेना के विस्फोटक विशेषज्ञों ने जहाज की गहन जांच पड़ताल की और उसे सुरक्षित बताया हाल के दिनों में भारतीय झंडे वाले मालवाहक जहाजों या फिर भारतीय क्रू वाले जहाजों पर समुद्री डाकुओं या हूती विद्रोहियों का हमला बढ़ा है । नए साल की शुरुआत में ही भारतीय नौ सेना के युद्धपोत ने साहस दिखाते हुए एक जहाज को बचाया था । भारतीय नौ सेना के चीफ एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि पिछले 40-42 दिनों के अंदर 35 बार इसराल या उससे जुडे जहाजों पर ड्रोन हमला हुआ है ।
आपको बता दे कि यमन में हूती आतंकी ठिकानों पर अमेरिकी और ब्रिटिश सेना जबरदस्त हमला कर रही है । इसराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध की वजह से इजराइल और उसके मित्र देशों के मालवाहक जहाजों को लाल सागर और अदन की खाडी में निशाना बनाया जा रहा है । हूती विद्रोहियों की मांग है कि गजा पट्टी में इजराली हमले को बंद किया जाए ।