रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 78वें गणतंत्र दिवस के मौके पर मोरहाबादी मैदान में झंडोत्तोलन किया। उन्होने झंडा फहराने के बाद राज्य के लोगों को संबोधित करते हुए सरकार द्वारा चलाये जा रहे विकास कार्यो की जानकारी दी। रोजगार और नौकरी को लेकर भी मुख्यमंत्री ने कई बातें कही।
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उन्होने अपने संबोधन की शुरूआत करते हुए कहा प्यारे झारखण्ड वासियों, जोहार ! भगवान बिरसा मुण्डा, वीर सिद्धो कान्हू जैसे महान सपूतों की बलिदानी भूमि पर मैं आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ और समस्त झारखण्डवासियों तथा देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ देता हूँ। आज हम भारत की आजादी की 77वीं वर्षगाँठ पूरे हर्षोल्लास के साथ मना रहे हैं।
राष्ट्रीय पर्व की इस पावन बेला में मैं, राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, बाबा साहेब डॉ० अम्बेडकर, डॉ० राजेन्द्र प्रसाद, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, शहीद भगत सिंह, सरदार पटेल सहित उन तमाम देशभक्तों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ जिनके कठिन संघर्ष, त्याग और बलिदान ने हमें आजादी दिलायी और एक समृद्ध और समतामूलक राष्ट्र के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर मैं, झारखण्ड के वीर सपूतों, धरती आबा बिरसा मुण्डा, वीर सिद्धो-कान्हू, बाबा तिलका मांझी, चांद-भैरव, बहन फूलो-झानों, वीर बुद्ध भगत, जतरा टाना भगत, नीलाम्बर-पीताम्बर, पाण्डेय गणपत राय, टिकैत उमराव, शहीद विश्वनाथ शाहदेव को भी नमन करता हूँ, जिनके संघर्ष की गौरव गाथा आज भी हमें साहस और संबल प्रदान करती है।
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आज इस पावन अवसर पर हमारे देश की सुरक्षा के लिए समर्पित वीर सैनिकों, सुरक्षा बलों और पुलिस के जवानों को, मैं स्वतंत्रता दिवस की बधाई देता हूँ। हमारे देश के वीर सैनिक कठोरतम परिस्थितियों में भी देश की सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं। ऐसे सैनिकों की बहादुरी, त्याग और बलिदान पर देशवासियों को गर्व है।जब हम इतिहास के पन्नों को पलटते हैं तब हमें यह महसूस होता है कि हमारे पूर्वजों ने आजाद भारत के सपने को पूरा करने के लिए कितनी यातनाएँ झेली हैं।लम्बे संघर्ष के बाद हमें आजादी मिली और दासता के दुःख भरे इतिहास को भुलाकर स्वर्णिम भविष्य की आकांक्षाओं के साथ हमने एक ऐसे राष्ट्र के निर्माण का संकल्प लिया जहाँ न तो आर्थिक विषमता हो और न सामाजिक भेदभाव। आज के दिन हमें यह भी आत्मचिंतन करना चाहिए कि इस लक्ष्य को पाने में हम कहाँ तक सफल हुए हैं।
मैं, नमन करता हूँ बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर को जिन्होंने सदियों से शोषित आदिवासियों, पिछड़ों और दलितों के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने के लिए, उनको उनका हक दिलाने के लिए संवैधानिक सुरक्षा कवच दिया। बाबा साहब अम्बेडकर, मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा जैसे महापुरूषों के दूरदर्शी सोच का ही प्रतिफल है कि देश के आदिवासी, पिछड़े और दलित वर्ग सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से पहले की तुलना में सशक्त हुए हैं। झारखण्ड के प्रत्येक वर्ग और समुदाय के अपार स्नेह और आशीर्वाद से लगभग साढ़े चार वर्ष पूर्व हमारी सरकार का गठन हुआ। सरकार गठन के बाद हमने यह संकल्प लिया कि जिस भरोसे और उम्मीद से राज्य की जनता ने हमें सत्ता की बागडोर सौंपी है, उस भरोसे पर खरा उतरने का हम हर संभव प्रयास करेंगे।
पिछले साढ़े चार वर्षों में हमारी सरकार ने गाँव-गाँव, घर-घर पहुँचकर जन समस्याओं को सुलझाने का प्रयास किया है। हर वर्ग की जरूरतों को ध्यान में रखकर योजनाएँ और नीतियाँ बनाई है और इसे धरातल पर उतारा है। हमने झारखण्ड की सांस्कृतिक पहचान और झारखण्डी अस्मिता को बचाए रखते हुए यहाँ की मिट्टी में रची-बसी परम्पराओं को पुर्नस्थापित करने का प्रयास किया है। सदियों से शोषित और वंचित झारखण्ड के आदिवासियों, पिछड़ों, दलितों को उनका हक-अधिकार दिलाकार उन्हें यह भरोसा दिलाया है कि झारखण्ड के विकास में उनकी भी बराबर की भागीदारी है।
परन्तु, इस विकास के रास्ते में कई चुनौतियाँ भी आयी। हमारी सरकार गठन के तुरंत बाद कोरोना महामारी के प्रकोप ने जीवन और जीविका को बुरी तरह प्रभावित किया। इस भयंकर आपदा के कुप्रभाव से निकलने में हमें डेढ़ से दो वर्ष का समय लग गया। इतना ही नहीं, निहित स्वार्थ से प्रेरित कुछ विकास विरोधी तत्वों द्वारा झारखण्ड के विकास के रास्ते में बार-बार परेशानियाँ खड़ी करने का कुत्सित प्रयास भी किया गया। परन्तु, जनता के अटूट विश्वास और भरोसे की बदौलत हमने हर कठिनाई और बाधा का डटकर मुकाबला किया और विरोधी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके। मुझे पूरा विश्वास है कि अगर इरादों में मजबूती हो, दिल में विश्वास हो और नियत में ईमानदारी हो, तो दुनिया की कोई ताकत आपको झुका नहीं सकती। अपने हक-अधिकार और मान-सम्मान की रक्षा के लिए संघर्ष करना तो हमारी परम्परा रही है।
अब झारखण्ड की फिजाएँ बदल गयी हैं। झारखण्ड के गरीब, किसान, मजदूर, पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक अब खुद को मजबूर और असहाय महसूस नहीं करते, बल्कि उनमें एक नयी ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार हुआ है। हर चेहरे पर उम्मीद की नई किरणें दिख रही हैं। हम जनता से किये हर वादे को पूरी संजीदगी से निभाने का प्रयास कर रहे हैं।
हमारी सरकार “अबुआ आवास योजना” के माध्यम से गरीबों को तीन कमरों का पक्का मकान उपलब्ध करा रही है। 35 लाख जरूरतमंद को पेंशन, 20 लाख अतिरिक्त लोगों को राशन और 57 लाख से अधिक लोगों को वर्ष में दो बार वस्त्र प्रदान कर रही है।
ऋण के बोझ से दबे हमारे अन्नदाता किसानों को झारखण्ड कृषि ऋण माफी योजना के माध्यम से सरकार राहत पहुँचा रही है। अब इस योजना के तहत हमने दो लाख रुपये तक का कृषि ऋण माफ किये जाने का निर्णय लिया है। बिरसा हरित ग्राम योजना और मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना के माध्यम से फसल नुकसान होने की स्थिति में किसानों को उसकी क्षतिपूर्ति के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना सरकार की पहली प्राथमिकता रही है। फूलो झानों आशीर्वाद अभियान, दीदी बाड़ी योजना, दीदी बगिया योजना के माध्यम से महिलाओं को आजीविका का सम्मानजनक विकल्प उपलब्ध कराया जा रहा है। सखी मंडल और पलाश ब्रांड के जरिए ग्रामीण महिला श्रम शक्ति को सम्मान मिला है। सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के अन्तर्गत 8 लाख से अधिक किशोरियों को उनकी शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता प्रदान किया जा रहा है।
इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए हमारी सरकार ने एक नई और महत्वाकांक्षी योजना झारखण्ड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की शुरूआत की है। महिलाओं के सशक्तिकरण और रोजमर्रा की जरूरतों को ध्यान में रखकर यह योजना तैयार की गयी है। इस योजना के तहत् 21 वर्ष से 50 वर्ष तक की महिलाओं को प्रतिमाह 1000/- रुपये की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खाते में उपलब्ध करायी जा रही है। इस योजना से झारखण्ड की 48 लाख महिलाओं को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य है। ग्रामीण परिवेश में रहने वाली माताओं-बहनों को योजना से जुड़ने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए पूरे राज्य में जगह-जगह कैम्प लगाकर आवेदन प्राप्त किये जा रहे हैं। आज इस मंच से मैं, झारखण्ड राज्य की माताओं-बहनों से अपील करता हूँ कि आप इस योजना से जुड़कर इसका लाभ जरूर लें और इसके उद्देश्यों को सफल बनाने में सहयोग करें। एक वक्त था जब हमारे मजदूर भाइयों की सुध लेने वाला कोई नहीं था। परन्तु आज परिस्थितियाँ पूरी तरह बदल चुकी है। हमारी सरकार हर विपदा में, हर मौके पर पूरी तत्परता और संवेदनशीलता के साथ अपने मजदूर भाइयोंके साथ खड़ी रही है। चाहे कोरोना काल में देश-विदेश में फँसे झारखण्ड के श्रमिकों तक तत्काल सहायता पहुँचाने की चुनौती हो या उनके सकुशल घर वापसी की बात हो अथवा देश के किसी कोने में हमारे मजदूर भाइयों पर किसी प्रकार का संकट आन पड़ा हो, हमने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रभावित श्रमिकों तक हर संभव सहायता पहुँचाई है। अभी हाल ही में कैमरून (दक्षिण अफ्रीका) में फँसे 27 श्रमिकों की सकुशल घर वापसी हुई है। उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में हुई दुर्घटना में फँसे हमारे श्रमिकों तथा उनके परिजनों को टीम भेजकर सभी आवश्यक सहायता पहुँचाई गई।
राज्य के युवाओं को रोजगार से जोड़ना हमारे सरकार की पहली प्राथमिकता रही है। लम्बे समय से नियुक्ति की बाट जोह रहे राज्य के होनहार युवाओं को पोस्ट ग्रेजुएट प्रशिक्षित शिक्षकों, चिकित्सक, असिस्टेंट टाउन प्लानर, सहायक अभियंता, कृषि पदाधिकारी, उद्यान पदाधिकारी, पशु चिकित्सक, लिपिक, पंचायत सचिव, अकाउंटेंट, प्रयोगशाला सहायक, ‘A’ ग्रेड नर्स, कनीय अभियंता, दन्त चिकित्सक आदि पदों पर हजारों की संख्या में नियुक्तियाँ की गई है। वहीं झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से 35000 पदों पर नियुक्ति प्रक्रियाधीन है, जिसे अक्टूबर, 2024 तक पूर्ण कर लिया जायेगा। इसमें मुख्य रूप से उत्पाद सिपाही, आरक्षी, सहायक आचार्य, महिला पर्यवेक्षिका आदि पदों पर नियुक्ति की जानी है। झारखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा 11-13वीं सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रिया भी अंतिम चरणों में है, जल्द ही 342 पदों पर नियुक्ति हेतु परीक्षाफल प्रकाशित किये जायेंगे।
जो युवा स्वरोजगार करना चाहते हैं उन्हें आर्थिक मदद उपलब्ध करायी जा रही है। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के माध्यम से स्वयं का रोजगार शुरू करने के लिए अनुदानित दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना के तहत् कुल 12,417 आवेदन स्वीकृत किये गये हैं और लाभुकों के बीच 262 करोड़ रु. का ऋण वितरित किया गया है। राज्य के युवाओं को हुनरमंद बनाने हेतु कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के निमित मुख्यमंत्री सारथी योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत् लाखों युवाओं को बिरसा केन्द्रों में कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ-साथ युवाओं को प्रतिमाह 1000/- रुपये तथा युवतियों एवं दिव्यांगजनों को 1500/- रुपये प्रतिमाह रोजगार प्रोत्साहन भत्ता दिया जा रहा है।
झारखण्ड के युवाओं को राज्य में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उनके पलायन को रोकने के लिए हमारी सरकार द्वारा झारखण्ड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम, 2021 लागू किया गया है, जिसके तहत् 40,000/- रुपये तक मासिक वेतन या मजदूरी पाने वाले पदों के विरुद्ध 75 प्रतिशत पद पर स्थानीय निवासियों की नियुक्ति की जानी है। राज्य सरकार द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम से लाभ लेकर अब तक 02 लाख से ज्यादा नौजवान युवा एवं युवती निजी क्षेत्र में रोजगार प्राप्त कर चुके हैं।
झारखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों से भी पलायन को रोकना सरकार की प्राथमिकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी और पिछड़ापन को दूर करने में मनरेगा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में मनरेगा अन्तर्गत 900 लाख अनुमोदित मानव दिवस के विरूद्ध अब तक 409 लाख मानव दिवस का सृजन करते हुए कुल 1411 करोड़ रुपये की राशि का व्यय किया जा चुका है। मानव दिवस सृजन में महिलाओं की भागीदारी 48 प्रतिशत है। मनरेगा एवं अन्य योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से संचालित बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना, वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना, दीदी बाड़ी योजना, दीदी बगिया योजना तथा बिरसा सिंचाई कूप संवर्द्धन योजना से भी ग्रामीण क्षेत्र में खुशहाली आयी है। लगभग ढाई लाख सखी मंडलों का गठन कर 32 लाख परिवारों को सखी मंडल में जोड़ा जा चुका है तथा इन्हें 445 करोड़ रुपये चक्रीय निधि के रूप में, 1803 करोड़ सामुदायिक निवेश निधि के रूप में एवं 11,224 करोड़ रुपये क्रेडिट लिंकेज के रूप में उपलब्ध कराया गया है। सखी मंडल ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
राज्य में औद्योगिक निवेश एवं रोजगार सृजन हेतु 05 औद्योगिक इकाईयों के साथ MoU हस्ताक्षरित किये गये हैं। इससे लगभग 4000 करोड़ रुपये का निवेश राज्य में होगा तथा लगभग 6000 लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार की प्राप्ति होगी। राज्य में स्थापित टेक्सटाईल उद्योगों द्वारा लगभग 10,000 स्थानीय युवाओं को रोजगार प्रदान किया जा रहा है। शिक्षा की रोशनी से झारखण्ड की तस्वीर और तकदीर बदलने की हमारी कोशिश जारी है। शैक्षणिक सत्र 2023-24 से राज्य में 80 CM School of Excellence संचालित हैं। अब सरकारी स्कूलों में भी अंग्रेजी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बच्चों को मिल रही है। शैक्षणिक सत्र2024-25 से 325 प्रखण्ड स्तरीय लीडर स्कूलों का संचालन भी प्रारंभ हो गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को भी शिक्षा का बेहतर अवसर उपलब्ध हुआ है। अगले 02 वर्षों में 4,041 पंचायत स्तरीय विद्यालयों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जायेगा।
विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हमारी सरकार द्वारा माध्यमिक विद्यालयों में 12,809 स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक तथा +2 विद्यालयों में 2,509 स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों और 543 प्रयोगशाला सहायकों की नियुक्ति की कार्रवाई पूर्ण कर ली गयी है। सहायक आचार्य के 26,001 पद पर नियुक्ति की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। राज्य में विभिन्न विभागों में कार्यरत अनुबंध कर्मियों के द्वारा मानदेय वृद्धि करने की माँग की जा रही थी। हमारी सरकार ने पारा शिक्षक, आंगनबाड़ी सेविका, आंगनबाड़ी सहायिका, रसोईया दीदी, मनरेगा कर्मी, होमगार्ड जवान, प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी आदि पदों पर कार्यरत लाखों अनुबंध कर्मियों की माँगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए उनके मानदेय में 50% से लेकर 100% की वृद्धि की गई है। आदिवासी समाज के पारम्परिक प्रधानों / पदाधिकारियों (मानकी, परगनैत, मुंडा, ग्राम प्रधान, डाकुवा, पराणिक, जोगमांझी, कुड़ाम, नायकी, गोड़ैत, मूल रैयत, दिउरी, पड़हा राजा, ग्राम सभा प्रधान, घटवाल, तावेदार आदि) को मिलनेवाली सम्मान राशि में हमारी सरकार के द्वारा 100% की वृद्धि की गई है। राज्य के वैसे छात्र जो 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होने के बाद आर्थिक कारणों से उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं, उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु गुरूजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत 15 लाख रुपये तक ऋण 4 प्रतिशत साधारण ब्याज की दर पर बैंको के माध्यम से उपलब्ध करायी जा रही है। मराड० गोमके जयपाल सिंह मुण्डा पारदेशीय छात्रवृति योजना के तहत् अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को सरकारी खर्च पर विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर सरकार उपलब्ध करा रही है। शैक्षणिक उत्कृष्टता हेतु मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना (CM Fellowship Scheme for Academic Excellence) का शुभारम्भ इसी वर्ष से किया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत Ph.D करने वाले वैसे छात्र जो नेट/गेट/ जेट परीक्षा उतीर्ण हों, उन्हें 22,500 से 25,000 रुपये प्रतिमाह फेलोशिप प्रदान किया जायेगा। कमजोर एवं पिछड़े वर्ग के छात्र/छात्राओं की शिक्षा में कोई व्यवधान न हो, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत् पिछले 04 वर्षों में लगभग एक करोड़ उन्नीस लाख छात्र-छात्रओं को कुल 3,484 करोड़ रुपये (तीन हजार चार सौ चौरासी) मात्र की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। साईकिल वितरण योजना अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 122 करोड़ के बजटीय उपबंध से अब तक 4 लाख छात्र/छात्राओं के बीच साईकिल वितरण किया जा चुका है तथा अगस्त 2024 तक शेष वितरण पूर्ण कर लेने का लक्ष्य है। इस वर्ष भी साईकिल वितरण योजना हेतु 122 करोड़ की राशि का प्रवधान किया गया है, जिसमें 8वीं कक्षा के छात्र/छात्राओं को साईकिल वितरित किये जायेंगे। राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने हेतु हमारी सरकार कृत संकल्पित है। कई बार हमने महसूस किया है कि राज्य की गरीब जनता को आर्थिक मजबूरियों के कारण बेहतर इलाज नहीं मिल पाता है। ऐसे कमजोर वर्गों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा सुलभ कराने हेतु हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना की शुरूआत की है। इस योजना के अन्तर्गत लाभुकों को प्रतिवर्ष, प्रति परिवार 15 लाख रूपये का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना से गुलाबी, पीला एवं हरा राशन कार्डधारी 38 लाख परिवार आच्छादित है। अब तक 01 करोड़ 26 लाख लाभुकों का कार्ड बन चुका है। लगभग 20 लाख लाभुकों द्वारा योजना का लाभ प्राप्त किया गया है, जिसके एवज में सूचीबद्ध अस्पतालों को सरकार द्वारा 2000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। ग्राम, प्रखण्ड, अनुमण्डल एवं जिला स्तर के अस्पतालों के बेहतर रख-रखाव एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने हेतु इस वर्ष मुख्यमंत्री अस्पताल संचालन एवं रख-रखाव योजना प्रारंभ की गयी है। इस योजना के लिए 1 अरब 35 करोड़ की राशि की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इस राशि का व्यय अस्पताल भवनों के सुदृढ़ीकरण एवं अन्य आवश्यक मदों में किया जायेगा। हमारी सरकार कृषि, ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ साथ राज्य में आधारभूत संरचना के निर्माण को भी बढ़ावा दे रही है। राज्य में सड़क मार्ग, रेल मार्ग एवं वायु मार्ग का विस्तार हुआ है। पर्यटन, औद्योगिक एवं आर्थिक महत्व के केन्द्रों को उन्नत सम्पर्क प्रदान करने के साथ-साथ ग्रामीण पथों एवं राष्ट्रीय राजमार्गों के बीच सड़क नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में पथ निर्माण विभाग द्वारा 1233 कि०मी० पथ परियोजना तथा 05 पुल परियोजना का कार्य पूर्ण किया गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में 10,592 करोड़ की राशि से 3,729 कि०मी० लम्बाई की पथ परियोजना तथा 10 अदद् पुल परियोजना का कार्य प्रगति पर है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1580 कि०मी० पथ का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। 697 करोड़ की लागत की 262 योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गयी है, जिससे 657 कि० मी० पथ का निर्माण किया जाना है। मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना अन्तर्गत 70 पुल निर्माण के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 23 पुल के निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
राज्य की समस्त जनता को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। वर्ष 2024 तक जल जीवन मिशन के तहत् राज्य के कुल 62.48 लाख ग्रामीण परिवारों को कार्यरत घरेलू नल जल (FHTC) के द्वारा शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने के लक्ष्य के विरूद्ध अबतक 33 लाख से अधिक परिवारों को इस योजना से आच्छादित किया गया है। किसी भी प्रदेश के विकास में ऊर्जा का अत्यन्त अहम स्थान है। लोगों को बेहतर विद्युत सुविधा मिल सके, हर गाँव-शहर में बिजली पहुँचे, हमारा यह प्रयास है। राज्य के हर वर्ग के उपभोक्ताओं को सहज विद्युत आपूर्ति हेतु 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना के सफल क्रियान्वयन से पूरे राज्य के 30 लाख से अधिक उपभोक्ता लाभान्वित हुए हैं। इस योजना को अधिक समावेशी बनाने हेतु घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट के स्थान पर 200 यूनिट प्रतिमाह मुफ्त बिजली प्रदान करने का निर्णय लिया गया है, जिससे राज्य के 41 लाख से अधिक उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के उद्देश्य से संचालित झारखण्ड मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना के माध्यम से लोगों को लाभ मिलना प्रारम्भ हो गया है। इस योजना के तहत अबतक कुल 572 ग्रामीण मार्ग अधिसूचित किये गये हैं तथा उन ग्रामीण मार्गों पर कुल 92 बसों को परमिट निर्गत किया जा चुका है। जहाँ कई राज्यों में पेड़ों और जंगलों को काटे जाने से हरियाली कम हुई है वहीं हमारे राज्य ने वन संरक्षण के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन किया है। राज्य का वन आवरण एवं वृक्षारोपण बढ़कर राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 34 प्रतिशत हो गया है। हमारे राज्य में पर्यटन के विकास की असीम संभावनाएँ हैं। इको टूरिज्म के साथ-साथ धार्मिक स्थलों पर भी पर्यटकीय दृष्टिकोण से सुविधाएँ उपलब्ध करायी जा रही है। झारखण्ड के समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों और स्थापत्य के विरासतों के संरक्षण और विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है।
झारखण्ड की कला, संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्ध विरासत, गीत-संगीत, भाषा एवं जीवन शैली को संरक्षित करने एवं इसे आगे बढ़ाने की दिशा में झारखण्ड आदिवासी महोत्सव का आयोजन सरकार का एक महत्वपूर्ण एवं दूरगामी कदम है। जल-जंगल-जमीन हमारी पहचान है और इस पहचान को बनाये रखते हुए हम विकास की ऊँचाईयों को छूने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले साढ़े चार वर्षों में हमारी सरकार ने झारखण्ड के लोगों की बेहतरी के लिए, उनको उनका हक-अधिकार दिलाने के लिए कई ऐतिहासिक निर्णय लिये हैं। विकास मूलमंत्र, आधार लोकतंत्र के दृष्टिकोण को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं और समावेशी विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयत्न कर रहे हैं। कई क्षेत्रों में हमारा प्रदर्शन बेहतर हुआ है, वहीं कई ऐसे क्षेत्र भी हैं जहाँ हमें और प्रयास करने की आवश्यकता है। हम ऐसी व्यवस्था को आकार देने का प्रयास कर रहे हैं जहाँ सभी की भागीदारी से झारखण्ड को एक नई पहचान दे सकें। हमें अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखते हुए प्रगतिशील सोच के साथ विकास के राह पर आगे बढ़ना है। जनता की सहभागिता एवं रचनात्मक सहयोग से हम झारखण्ड के नव-निर्माण के रास्ते में आने वाली हर चुनौती का सामना करने में सक्षम होंगे, ऐसा मेरा विश्वास है। आइये, हम सभी एक समृद्धशाली और खुशहाल झारखण्ड का निर्माण करने के लिए एकजुट होकर प्रयत्न करने का संकल्प लें।
अंत में मैं, पुनः समस्त झारखण्डवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ देता हूँ।
जय हिन्द !
जय झारखण्ड !