रांचीः बोकारो के शहीद अर्जुन महतो के परिजनों को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दस लाख रुपए का चेक सौंपेंगे। मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण से पहले यह कार्यक्रम रखा गया है । इतना ही नहीं मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर से निर्देश दिया गया है कि बोकारो के अधिकारी अर्जुन महतो के परिजनों के साथ मंत्रालय पहुंचे ताकि अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति पत्र दिया जा सके ।
असम के सिल्चर में हुए थे शहीद अर्जुन महतो
ग़ौरतलब है कि महज 21 साल की उम्र थी शहीद अर्जुन महतो की। घर से बोल कर गया था कि वापस लौटूंगा और बहन की शादी कराउंगा । वापस तो आया लेकिन शहीद का दर्जा लेकर । बोकारो के चंदनकियारी में मातम है । जिस गाँव की मिट्टी में अर्जुन महतो खेल कर बड़े हुए उसी गाँव की मिट्टी ने उसे अपने पास बुला लिया । महज़ 21 वर्ष की उम्र में अर्जुन महतो इस दुनिया से चले गए । अग्निवीर बनकर घर से निकले थे शहीद होकर लौटे । चंदनकियारी के पतेपुर गाँव में शोक है ।
अर्जुन महतो के परिजनों को हेमंत की मदद
हेमंत सोरेन सरकार ने मदद का एलान किया था । मुख्यमंत्री ने कहा है कि झारखंड की अर्जुन महतो के परिजनों को विशेष अनुग्रह अनुदान के रूप में 10 लाख रुपये एवं उनके आश्रित को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी देगी।
झारखंडी माटी के लाल अग्निवीर अर्जुन महतो जी ने आज देश की सेवा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। हमारे देश के इस वीर सपूत की शहादत को नमन। 🙏
झारखंड की अबुआ सरकार उनके परिजनों को विशेष अनुग्रह अनुदान के रूप में 10 लाख रुपये एवं उनके आश्रित को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी… pic.twitter.com/sbWJSBnQOv
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) November 24, 2024
21 वर्ष के थे शहीद अर्जुन महतो
15 जनवरी 2003 को जन्मे 21 वर्षीय वीर शहीद अर्जुन महतो एक साल पहले ही अग्निवीर बन कर 1 नवंबर 2023 को भारतीय सेना के जवान के रूप में भर्ती हुए। उन्हें भारतीय सेना में आसाम के सिलचर में 285 मिडीयम रेजिमेंट में आर्टिलरी डिपार्टमेंट में कमान मिला था । भारतीय सेना के जांबाज जवान अर्जुन महतो देश के सीमा पर 21 नवंबर की रात में हुए आतंकी मुठभेड़ में शहीद हो गये।
चंदनकियारी में शोक की लहर
इतनी कम उम्र में शहीद होने की ख़बर भर से पूरे इलाके में शोक की लहर है । किसी को यकीन नहीं हो रहा है कि चंदनकियारी का जवान बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा । घर वाले, पड़ोसी सबका रो-रोकर बुरा हाल है ।
आतंकी मुठभेड़ में हुए शहीद अर्जुन
अर्जुन महतो के पार्थिव शरीर को आसाम बार्डर से भारतीय सेना के रामगढ़ कैंट में लाया गया। आज सूबह उनके पैतृक गाँव बोकारो जिले के चंदनकियारी प्रखण्ड के सिलफोर पंचायत स्थित फतेपुर गाँव लाया गया जहाँ दामोदर नदी के किनारे श्मशान घाट में जनजातीय कुड़मालि नेगाचारि के अनुसार अंत्येष्टि की गई।
अर्जुन महतो के पिता रहते हैं बीमार
वीर अर्जुन महतो के शहादत की खबर पाते ही पूरे चंदनकियारी में शोक की लहर फैल गई। उनकी अंतिम दर्शन के लिए हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी। लगभग चार किमी की पैदलयात्रा करके सभी नदी घाट तक आए और पुरे सम्मान के साथ अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित किया। अविवाहित युवा शहीद अर्जुन महतो के 54 वर्षीय पिता लंकेश्वर महतो एक साधारण किसान है और लकवाग्रस्त है। उनके एक भाई और दो बहनें है।
बहन से शादी कराने का वादा करके गया था
छुट्टियों में अर्जुन महतो घर आया था और छोटी बहन का विवाह करने की बात कहकर वह घर से सीमा पर गया था लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था । अर्जुन के पिता लकवाग्रस्त हैं। बहनें छोटी हैं , घर की सारी जिम्मेदारी वही उठाता था । अब कैसे चलेगा परिवार, कौन करेगा मदद ।
हेमंत-कल्पना और जयराम ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बोकारो के चंदनकियारी के अग्निवीर अर्जुन महतो की शहादत पर श्रद्धांजलि दी है । झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के विधायक जयराम महतो ने चंदनकियारी पहुंच कर शहीद के परिजनों से मुलाकात की और दिलासा दिया । इधर कल्पना सोरेन ने भी अर्जुन महतो की शहादत पर श्रद्धांजलि दी है ।
अग्निवीर में शहीद हुए चंदनकियारी के लाल अर्जुन महतो को अंतिम सलामी देने पहुँचे
विनम्र श्रद्धांजलि 🙏@JLKMJHARKHAND pic.twitter.com/QjMpigUOi5— Tiger jairam mahto (@JairamTiger) November 24, 2024
बोकारो में चंदनकियारी के सिलफोर पंचायत से अग्निवीर अर्जुन महतो जी के शहीद होने की दुःखद खबर मिली।
परमात्मा वीर शहीद की आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवारजनों को दुःख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दे।
वीर शहीद के शहादत को शत-शत नमन! pic.twitter.com/WQzcKu6X0a
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) November 24, 2024