धनबाद : कांग्रेस में उम्मीदवारों को लेकर विरोध प्रदर्शन खत्म नहीं हो रहा है। पहले गोड्डा में दीपिका पांडे सिंह को उम्मीदवार बनाये जाने का विरोध हुआ, फिर केएन त्रिपाठी को चतरा से उम्मीदवार बनाये जाने का विरोध हुआ अब अनुपमा सिंह को उम्मीदवार बनाये जाने का विरोध शुरू हो गया है। गोड्डा में विरोध के बाद कांग्रेस ने दीपिका पांडे सिंह की जगह प्रदीप यादव को बनाया। केएन त्रिपाठी के समर्थक रविवार को उलगुलान न्याय रैली के दौरान विरोध कर रहे आरजेडी समर्थकों से भिड़ गए और अब अनुपमा सिंह का विरोध शुरू हो गया है।
मंगलवार को आदिवासी-मुलवासी के बैनर तले लोगों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर और प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर का पुतला दहन किया और विरोध प्रदर्शन किया। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि राहुल गांधी सामाजिक न्याय यात्रा तो जरूर निकालते है लेकिन चुनाव के समय स्थानीय लोगों को मौका देने की जगह बाहरी प्रत्याशी को खड़ा कर देते है। अनुपमा सिंह को प्रत्याशी बनाकर कांग्रेस ने परिवारवाद को बढ़ावा दिया है। कांग्रेस ने धनबाद की जनता को सिर्फ वोट बैंक समझ लिया है। हम आदिवासी मुलवासी के बैनर तले धनबाद से प्रत्याशी बदलने की मांग करते है। धनबाद में पिछड़ो और अल्पसंख्यकांं की संख्या 75 फीसदी है फिर भी कांग्रेस ने अगड़ी जाति से उम्मीदवार बनाया है। झारखंड कांग्रेस के नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व को अंधेरे में रखकर टिकट का ये खेल खेला है। अनुपमा सिंह को टिकट देने के विरोध में ललन चौबे ने दो दिन पहले कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।