गिरिडीहः झारखंड में अंचल अधिकारी या सीओ के भ्रष्टाचार का हाल किसी से छिपी नहीं है । इसी भ्रष्चाचार के जद में आए हैं भाकपा माले के पूर्व विधायक ओमीलाल आजाद । चार बेटों के पिता और गिरिडीह के पूर्व विधायक ओमीलाल आजाद बेटों के हाथों तिरस्कृत होने के बाद बेटी के घर सरायकेला खरसावां रह रहे हैं । जब वे गिरिडीह में वसीयत बनाने पहुंचे तो पता चला की उनकी जमीन तो बेटों ने हथिया ली है ।
पूर्व विधायक को बेटों ने निकाला
भ्रष्ट सीओ, पूर्व विधायक और नालायक बेटों की इस कहानी को जो सुन रहा है उसकी जुबान से घोर कलियुग ही निकल रहा है । ओमीलाल आजाद के चार बेटे हैं अशोक ,अरुण, संतोष और रतन लेकिन चारों बेटे पिता को अपने साथ नहीं रखते जिसकी वजह से उम्रदराज ओमीलाल आजाद अपनी बेटी के घर पर रहना पड़ता है । गिरिडीह में उनके नाम पर करीब पांच एकड़ जमीन है जिसकी वसीयत कराने जब वे अपने जिले के अंचल अधिकारी का कार्यालय में पहुंचे तो पता चला की उनके बेटों ने लैंड पजेशन सर्टिफिकेट ले लिया है और किसी को बेचने की फिराक में हैं।
मेरी जमीन मुझे वापस करो
पूर्व विधायक ओमीलाल आजाद ने सीओ कार्यालय में आवेदन देकर इसकी जांच की मांग की और अपनी जमीन वापस करने की बात कही । पूर्व विधायक का कहना है कि जमीन उनके नाम पर है और उसका रसीद भी कटता रहा है और साथ ही वे जीवित है ऐसे में किसी और के नाम कैसे जमीन का कब्जा दिखा दिया गया ।
सेवा में,
श्रीमान अंचल अधिकारी महोदय,
गिरिडीह।
विषय: मेरे द्वारा आदेश एलपीसीसीटी नंबर 458/2024 एवं 462/2024 द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार तिंबंचन कार्यालय गिरिडीह में ऑन लाइन प्रविष्ट कराया गया है उसे बंद करने एवं दूसरा एलपीसीसीटी हमारे हवाले करने के संबंध में।
महोदय,
सविनय निवेदन करते हुए कहना है कि मैं ओमीलाल आजाद भूतपूर्व विधायक पिता स्वर्गीय बैजनाथ प्रसाद लेठेरी, गली मोहल्ला गिरिडीह थाना गिरिडीह नगर सब रजिस्ट्रार के जिला गिरिडीह का निवासी हूँ। माया देवी उर्फ माया आजाद पति श्री ओमी लाल आजाद ने अपने नाम से खसरा सं 5.16 एक जमीन विभाजन मौजा नंबर मेरे और मेरे बेटों से दिनांक 03.07.2003 को स्वीकृति की थी जिसका मृत्यु पश्चात मानवाधिकार जिला एवं व्यायवहारिक गिरिडीह में केस नंबर 02/2004 के द्वारा दिनांक 19.04.2005 को आदेश प्रदान प्रबंधन में जारी कर दिया गया था। जिसके आधार पर मेरे नाम से तथा मालूमापुर स्वीकृति विवाद होता था।
मैं, वृद्ध हो चुका हूँ, शारीरिक रूप से असमर्थ हूँ रहने लगा हूँ। मेरे अपने चार पुत्रों के विरुद्ध झगड़े के चलते मेरी पत्नी, कुसारी पति श्री अशोक कुमार और संतोष कुमार, अर्जुन कुमार से संबंध रखकर ज़मीन का उपभोग कर लिया है।
शर्मनाक कहानी
जाहिर है पूर्व विधायक जिन्होंने लाल झंडा इतने सालों तक ढोया है उन्हें अपने हक के लिए इस उम्र में आवाज बुलंद करनी पड़ रही है वो भी उम्र के इस पड़ाव में । ओमीलाल आजाद की इस पीड़ादायक कहानी को सुन हर कोई हैरान है । ओमीलाल आजाद ने 1985 में गिरिडीह की सीट से सीपीआई के टिकट से चुनाव जीता था ।