रांचीः झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव दिवंगत सजल चकवर्ती के मृत्यु प्रमाण पत्र का दुरूपयोग कर एसबीआई म्यूचुअल फंड का करीब 9,999 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का मामला सामने आसा है। इस संबंध में दिवंगत सजल चकवर्ती के भांजे दिपायन रॉय जो यूनाईटेड किंगडम में रहते है, उन्होने धुर्वा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है।
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उन्होने कहा है कि सजल चकवर्ती की संपित्त का वैध उत्तराधिकारी वे हैं, कोर्ट से इस संबंध में आदेश पारित है। इसमें मुझे और मेरे भाई को लेटर ऑफ एडमिस्ट्रेशन प्रदान किया गया है। आरोप लगाया है कि दीपाटोली में इप्सिता अपार्टमेंट में रहनेवाले इमरान आलम ने सजल चकवर्ती के मृत्यु प्रमाण का दुरूपयोग कर एसबीआई म्यूचुअल फंड का करीब 4999 करोड़ रुपये की अवैध निकासी कर ली है।
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इमरान मेरे मामना की देखभाल करता था। उनके जीवन काल में भगवान महावीर हॉस्पीटल एंड रिसर्च सेंटर को एक भूखंड बेचा था, जिसमें उन्हें 1521 करोड़ रुपये मिले थे, यह राशि उन्होने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, हटिया शाखा में स्थित अपने बचत खाता में रखी थी। उक्त राशि में से करीब 4999 करोड़ रुपये उन्होने एसबीआई म्यूचुअल फंड में वर्ष 2020 में निवेश किया था। कोविड-19 महामारी के कारण उस वक्त लॉकडाउन था। उस वक्त बैंक में म्यूचुअल फंड खाता खोलने के लिए किसी व्यक्ति को नामांकित करना अनिवार्य किया गया। उस वक्त मैं और मेरा भाई विदेश में थे। यात्रा प्रतिबंध के कारण वे भारत नहीं आ सके। इसलिए मेरे मामा ने केवल औपचारिक तौत पर इमरान आलम अंसारी को अस्थायी रूप से नामांकित किया था। यह नामांकन केवल सुविधा के उद्देश्य से किया गया था ताकि भविष्य में जब मैं और मेरा भाई भारत आये, तो इमरान को हटाकर नामांकन हमारे पक्ष में परिवर्तित किया जा सके।
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मेरे मामा के निधन के बाद इमरान ने उनका मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त कर उसे छिपा दिया। वहीं हमें बिना सूचित किये एसबीआई म्यूचुअल फंड की पूरी राशि निकाल ली। इस धोखाधड़ी का पता चलने पर उन्होने इमरान से बात की। तब उसने गलती स्वीकार की और पैसा लौटाने का वादा किया। बाद में उसने अपना नाम बदलकर प्रेम कुमार कर लिया और अपनी असली पहचान छिपा ली। इस तरह उसने धोखाधड़ी और विश्वासघात कर अवैध रूप से पैसा हड़प लिया।







