मुंबई: पूर्व क्रिकेटर और भारतीय टीम के कोच Anshuman Gaikawd का कैंसर से निधन हो गया है । उनकी तबियत कई महीनों से ख़राब चल रही थी । झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निधन पर शोक जताया है। हेमंत सोरेन ने शोक संदेश में कहा कि
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और पूर्व कोच अंशुमान गायकवाड़ जी के निधन का दुःखद समाचार मिला। क्रिकेट और खेल प्रेमियों के लिए यह बहुत बड़ी क्षति है। अपने खेल और मार्गदर्शन से अंशुमान जी ने देश को क्रिकेट के कई शानदार पल दिए।
परमात्मा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवारजनों को दुःख की यह घड़ी सहन करने की शक्ति दे।
झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भी अंशुमान गायकवाड के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और पूर्व कोच अंशुमान गायकवाड़ जी के निधन की ख़बर से मन दुखी है। क्रिकेट जगत एवं खेल प्रेमियों के लिए यह बहुत बड़ी क्षति है।
ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें एवं परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।… pic.twitter.com/OB12asCj96
— Rajesh Thakur (@RajeshThakurINC) July 31, 2024
प्रधानमंत्री ने अंशुमान गायकवाड़ के निधन पर शोक जताया है और उन्हें महान क्रिकेटर बताया BCCI के अध्यक्ष जवाब शाह ने भी अंशुमान गायकवाड़ के निधन पर शोक जताया है।
Shri Anshuman Gaekwad Ji will be remembered for his contribution to cricket. He was a gifted player and an outstanding coach. Pained by his demise. Condolences to his family and admirers. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 31, 2024
My deepest condolences to the family and friends of Mr Aunshuman Gaekwad. Heartbreaking for the entire cricket fraternity. May his soul rest in peace🙏
— Jay Shah (@JayShah) July 31, 2024
कई महीनों से कैंसर से जंग लड़ रहे थे अंशुमान गायकवाड
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कोच अंशुमान गायकवाड़ कई महीनों से ब्लड कैंसर से जूझ रहे थे । उनके इलाज के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि जारी की थी। यह फैसला बीसीसीआई सचिव जय शाह द्वारा लिया गया, जिन्होंने गायकवाड़ के परिवार से बातचीत कर उनकी स्थिति का जायजा लिया और तत्काल वित्तीय मदद का आश्वासन दिया था।
40 टेस्ट और 15 वनडे में लिया हिस्सा
अंशुमान गायकवाड़ 1974 से 1987 तक भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेले और 40 टेस्ट और 15 वनडे मैचों में हिस्सा लिया। वह अपनी दृढ़ता के लिए जाने जाते थे। पिछले साल से उनका इलाज लंदन के किंग्स कॉलेज अस्पताल में चल रहा है। बीसीसीआई से मदद की अपील कपिल देव और संदीप पाटिल ने की थी।