JBKSS नेता और रांची लोकसभा से प्रत्याशी देवेंद्र नाथ महतो पंद्रह दिनों बाद जेल से निकले तो रांची के होटवार जेल के आस-पास समर्थकों का इतना हुजूम जमा हो गया कि सड़कें जाम हो गईं । सैकड़ों की तादाद में बाइक और गाड़ियों में जयराम महतो और देवेंद्र नाथ महतो के समर्थक होटवार जेल के बाहर इंतजार करते हुए नजर आए। जैसे ही देवेंद्रनाथ महतो जेल से बाहर निकले तो समर्थकों ने माला पहना कर स्वागत किया और खुली जीप में उनको बैठाकर घर ले जाया गया।
देवेंद्र नाथ महतो बदल देंगे समीकरण
देवेंद्रनाथ महतो के समर्थन को देखने के बाद रांची के बड़ी पार्टियों के प्रत्याशियों को एक बार सोचना पड़ रहा है कि चुनाव नतीजे में उनका क्या होगा । देवेंद्रनाथ महतो का रांची के युवाओं खासतौर से ग्रामीण इलाकों में खासे लोकप्रिय हो रहे हैं । JBKSS के मुखिया जयराम महतो और देवेंद्रनाथ महतो का व्यापक समर्थन मिल रहा है । देवेंद्र नाथ महतो रांची में एक युवा नेतृत्व के तौर पर उभर रहे हैं ।
नामांकन के दिन गिरफ्तारी हुई थी
गौरतलब है कि छात्र और युवाओं के मुद्दे को लेकर पिछले कई महीनों से आंदोलन चला रहे झारखंडी भाषा-खतियानी संघर्ष समिति (जेबीकेएसएस) ने चुनाव मैदान में उतर गए हैं । जेबीकेएसएस के अध्यक्ष जयराम महतो ने 1 मई को गिरडीह लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया। जयराम महतो के नामांकन दाखिल के मौके एक पुराने मामले में झारखंड पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। लेकिन जयराम महतो अपने कुछ समर्थकों के साथ पुलिस हिरासत से फरार हो गए। वहीं जेबीकेएसएस के रांची लोकसभा सीट के प्रत्याशी देवेंद्रनाथ महतो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था । नामांकन करने पहुंचे देवेंद्र नाथ महतो को समाहरणालय से गिरफ्तार करने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया,जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। देवेंद्र के खिलाफ जेपीएससी कार्यालय का घेराव करने के दौरान पुलिस से धक्का-मुक्की और सरकारी काम में बाधा डालने का केस लालपुर थाने में दर्ज है। उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हुआ था, लेकिन उन्होंने जमानत नहीं ली। शनिवार को नामांकन करने की सूचना मिलने पर लालपुर और नगड़ी थाने की पुलिस समाहरणालय में तैनात थी। देवेंद्र छिपते-छिपाते पहुंचे। उन्होंने ऐसी ड्रेस पहन रखी थी, जिससे लगे कि कोई महिला है। लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें पहचान लिया और गिरफ्तार कर लिया। देवेंद्र ने पुलिस से नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए कुछ समय मांगा, लेकिन पुलिस ने उनकी नहीं। बाद में प्रस्तावकों ने उनका नामांकन पत्र दाखिल किया।