रांची : अधिकारियों के तबादले को लेकर चुनाव आयो के निर्देश के बावजूद राज्य के आईजी, डीआईजी, एसपी और डीएसपी स्तर के अधिकारी एक ही जिला व रेंज में तीन साल से अधिक समय से पोस्टेड है।
लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने निर्देश दिया था कि तीन साल से अधिक समय तक एक ही जिले में पदस्थाति अधिकारियों का तबादला संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से बाहर किया जाए। कई जगहों से ऐसे मामले आये थे कि अधिकारियों का जिला से तबादला तो कर दिया गया लेकिन लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र नहीं बदला।
आईपीएस अधिकारी राजकुमार लाकड़ा जुलाई 2020 में पलामू डीआईजी के रूप में पदस्थापित किये गए थे, 2023 में आईजी के रूप में प्रोन्नति मिलने के बाद भी वह पलामू के ही आईजी बनाये गए। पलामू में उनके पदस्थापन के तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी उनका तबादला नहीं हुआ। आईपीएस अजय लिंडा डेढ़ वर्षो तक चाईबासा में एसपी रहे फिर प्रोन्नति के बाद अप्रैल 2022 से कोल्हान रेंज के डीआईजी है,चाईबासा कोल्हान रेंज में ही आता है। वह तीन साल से ज्यादा समय से एक ही रेंज में पदस्थापित है।
सरायकेला एसपी डॉ बिमल जो बुंडू के रहने वाले है उनका गृह जिला रांची है। आयोग के निर्देशानुसार गृह जिला व अपने संसदीय क्षेत्र में अधिकारी का पदस्थापन नहीं किया जा सकता। सरायकेला का हिस्सा ईचागढ़ रांची संसदीय क्षेत्र में है। ऐसे में डॉ बिमल कुमार के पदस्थान को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे है।
इसके अलावा सरायकेला में ही पदस्थापित डीएसपी चंदन कुमार वत्स लगभग 5 सालों से डीएसपी हेडक्वार्टर के रूप में काम कर रहे है। जमशेदपुर सिटी डीएसपी सुधीर कुमार के पदस्थापन को लेकर भी विवाद हो रहा है। चंदन कुमार पूर्व में जमशेदपुर में पदस्थापित रहे है और बाद में उनका तबादला चाईबासा हो गया था। वहां पदस्थापित रहने के बाद वह लौटकर दोबारा जमशेदपुर में ही पदस्थापित किये गए है।