रांची: बोरियो से जेएमएम विधायक लोबिन हेंब्रम और मांडू से बीजेपी विधायक जयप्रकाश भाई पटेल की विधानसभा सदस्यता जाने के बाद इसपर राजनीति तेज हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने जेएमएम विधायक चमरा लिंडा पर कार्रवाई नहीं होने पर नाराजगी जताई है और जेपी पटेल पर कार्रवाई को जल्दीबाजी में लिया गया फैसला बताया है।
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दल बदल मामले में कांग्रेस से लोकसभा प्रत्याशी रहे जेपी पटेल की विधानसभा सदस्यता खत्म किये जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे जल्दीबाजी में लिया गया फैसला बताया है। राजेश ठाकुर ने कहा कि विधायक की बात को पूरी तरह से नहीं सुना गया। अगर जेपी पटेल और लोबिन पर कार्रवाई हुई तो लोहरदगा में कांग्रेस उम्मीदवार सुखदेव भगत के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले चमरा लिंडा पर कार्रवाई क्यों नहीं किया गया। अपनी विधायकी जाने पर जेपी पटेल ने कहा कि जल्दीबाजी में और बदले की भावना के साथ काम हुआ है। बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव का दल बदल का मामला वर्षो से लंबित है लेकिन मरे मामले में आनन-फानन में स्वीकर ने आदेश सुना दिया। मै इसके खिलाफ हाईकोर्ट जाउंगा। मैने बीजेपी के सचेतक पद से 13 अप्रैल को ही इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस से चुनाव लड़ने के कारण मेरी सदस्यता खत्म कर देना सही नहीं है।
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वही लोबिन हेंब्रम ने विधानसभा सदस्यता खत्म किये जाने पर कहा कि स्पीकर के फैसले ने लोकतंत्र की हत्या की है। जेएमएम को बाहरी लोग चला रहे है। इस सरकार में झारखंड को ठगा है, मेरे साथ और मेरे विधानसभा के साथ अन्याय हुआ है। मै हाईकोर्ट जाउंगा, मुझपर दलबदल का कोई मामला नहीं बनता है, मैने कोई दूसरी पार्टी ज्वाइन नहीं की है। हेमंत सोरेन को विश्वासमत में मैने वोट किया था, अगर मुझसे इतनी दुश्मनी थी तो वोट क्यों लिया।
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लोबिन और जेपी पटेल पर जेएमएम अध्यक्ष शिबू सोरेन और नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी की शिकायत के बाद स्पीकर ने दल बदल मामले में कार्रवाई की है। लोबिन ने राजमहल सीट पर जेएमएम उम्मीदवार विजय हांसदा के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ था, वही जेपी पटेल ने हजारीबाग सीट पर बीजेपी उम्मीदवार मनीष जायसवाल के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था।