राँची.. झारखंड विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र की कार्यवाही मंगलवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। कथित जमीन घोटाले में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन के नेतृत्व में बनी नई सरकार ने विशेष सत्र में विश्वास मत हासिल कर लिया। फ्लोर टेस्ट में सत्तापक्ष के समर्थन में 47 और विरोध में 29 वोट मिले। तीन सदस्य अनुपस्थित रहे और एक सदस्य तटस्थ रहे।
हेमंत के कार्यों को आगे बढ़ाएगी चंपई सरकार
विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद के बाद सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने जवाब दिया। आलमगीर आलम ने कहा कि आपने हम पर विश्वास किया है, हम आपको निराश नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि चंपई सोरेन के गठित नई सरकार हेमंत सोरेन के कार्यों को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि झारखंड अलग राज्य का गठन बीजेपी ने नहीं किया, अगर बिहार सरकार प्रस्ताव नहीं भेजती तो अलग झारखंड नहीं बनता। इसके कांग्रेस के 11 मंत्रियों ने इस्तीफा दिया था। उस वक्त झारखंड क्षेत्र के 11 कांग्रेस विधायक बिहार सरकार में थे। अलग झारखंड राज्य के गठन में हमारा सबसे बड़ा योगदान था।
आसमगीर आलम दिया जवाब
आलमगीर आलम ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने खूंटी में भगवान बिरसा मुंडा के परिजनों से मुलाकात की। उनको सम्मानित भी किया। प्रधानमंत्री खूंटी आए थे। आदिवासियों को उम्मीद थी कि सरना कोड की सौगात पीएम मोदी उन्हें देंगे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। आलमगीर आलम ने कहा कि सदन में विपक्षी सदस्यों की ओर से राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा कम और कांग्रेस पर ज्यादा की गई। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग कांग्रेस के नाम से डर रहे हैं। ये जान रहे हैं कि आने वाले दिनों में देश कांग्रेसमय होने वाला है,क्योंकि लोकतंत्र बचाने में सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही सक्षम है। चंपई सरकार के पार्ट-2 पर विपक्ष की ओर से सवाल उठाने पर आलमगीर आलम ने कहा कि गठबंधन सरकार को 2019 में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत मिला। अभी पांच साल का कार्यकाल बचा है। इसलिए सरकार को पार्ट-2 कहा जा रहा है।
‘रामलला का असर सींएम बने चंपई’
इससे पहले बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि वास्तव में चंपई सोरेन 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद ही वे सीएम बने। श्रीराम लला धरा पर आए और उसके बाद ही चंपई सीएम की कुर्सी पर विराजमान हुए। हरे झंडे वाले और हरा चश्मा पहनने वालों को हरा दिखाई देता है। भानु ने सवाल उठाते कहा कि आखिर झारखंड के लिए आंदोलन किसके खिलाफ चल रहा था। उस समय तो भाजपा नहीं थी। पिछले 40 सालों में आदिवासियों को कांग्रेस ने केवल लालीपॉप पकडाया। शिबू सोरेन अगर झारखंड आंदोलन के लिए लडे तो छत्तीसगढ़, उत्तराखंड के लिए किसने लडाई लडी? यह भाजपा का विशाल हृदय था जो तीन तीन स्टेट बनवाए। यहां झारखंड बनने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी ने आदिवासी नेता बाबूलाल मरांडी को सीएम बनाया। फिर अर्जुन मुंडा बने। शिबू सोरेन को भी भाजपा के सहयोग से सीएम बनाया गया। इसके बाद अर्जुन मुंडा के सीएम बनने पर डेप्यूटी सीएम हेमंत सोरेन को बनाया गया। आज राष्ट्रपति के पद पर आदिवासी महिला हैं जो बताता है कि भाजपा आदिवासी समाज के लिए क्या भाव रखती है। भानु ने सवाल रखते सीएम से पूछा कि पार्ट-1 में 4 सालों में 6000 महिलाओं के खिलाफ बलात्कार के मामले दर्ज हुए. इसमें से 4000 आदिवासी, दलित महिलाएं हैं। क्या वर्तमान पार्ट-2 सरकार में इसे आगे बढाया जाएगा?
इरफ़ान का राजभवन पर निशाना
कांग्रेस इरफान अंसारी ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन पर ही साधते हुए कहा कि यहां के लोगों को दक्षिण के राज्यों की कला-संस्कृति और रहन-सहन पसंद आता है, लेकिन उन्हें यहां के आदिवासी नहीं सुहाते (अच्छे नहीं लगते) हैं। यही कारण है कि उन्होंने यहां की सरकार को कुचलने का प्रयास किया। इरफान अंसारी ने कहा कि वास्तव में राजभवन को आज बीजेपी कार्यालय की ओर से चलया जा रहा है। इस दौरान शोर-शराबे के बीच जेएमएम विधायक मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि जब 31 जनवरी को ही राजभवन को बहुमत होने की जानकारी दी तब आखिर 40 घंटे तक इंतजार क्यों कराया गया। उन्होंने कहा कि बगल में बिहार में 4 घंटे के भीतर नीतीश सरकार को शपथ दिला दी गई, लेकिन झारखंड में 40 घंटे लिए गए।
आजसू ने की 1932 के खतियान की माँग
आजसू पार्टी विधायक लंबोदर महतो ने राज्यपाल के अभिभाषण को झूठ का पुलिंदा बताया। उन्होंने कहा कि अभिभाषण के दौरान सत्ता पक्ष के शोरगुल को उन्होंने समझा। वास्तव में ये नहीं चाहते थे कि सरकार की पोल खुले। चंपाई सोरेन भी टाईगर के रूप में विख्यात हैं। अगर वे खुद को पार्ट- 2 बता रहे तो उन्हें चाहिए कि 1932 खतियान आधारित नीति, ओबीसी आरक्षण, जातीय गणना जैसे काम को पूरा कराए।