डेस्कः केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा दसवीं के छात्रों के लिए परीक्षा की नई प्रणाली पेश किया है। 2026 से अब 10वीं बोर्ड की परीक्षा साल में दो बार होगी। जिससे छात्रों को अपना प्रदर्शन सुधारने का एक अतिरिक्त अवसर मिलेगा।शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई शिक्षा मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण बैठक में इस नीतिगत परिवर्तन पर विस्तार से चर्चा की गई।
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हालांकि, अभी यह अंतिम फैसला नहीं है और लोगों से इस विचार पर सुझाव मांगे गए हैं। 9 मार्च तक लोगों को इस मसौदे पर अपने सुझाव देने को कहा गया है। नोटिस चेक करने के लिए आपको सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in पर जाना होगा। नोटिस में कहा गया है कि सभी हितधारक 9 मार्च तक इस ड्राफ्ट नीति पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं।
नए नियमों के अनुसार, बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी, जबकि प्रैक्टिकल और आंतरिक मूल्यांकन साल में केवल एक बार ही आयोजित किए जाएंगे। इस नए ढांचे का उद्देश्य छात्रों को अधिक लचीलापन प्रदान करना और एकल वार्षिक परीक्षा से जुड़े दबाव को कम करना है। छात्रों को दोनों सत्रों में उपस्थित होने और अपनी तैयारी के लिए सबसे उपयुक्त सत्र चुनने का अवसर मिलेगा।सीबीएसई के अधिकारी ने बताया, ‘सीबीएसई की 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं का पहला और दूसरा संस्करण ही सप्लीमेंट्री एग्जाम के रूप में कार्य करेगा और किसी भी परिस्थिति में कोई विशेष परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी.’
वर्तमान में CBSE की बोर्ड परीक्षा फरवरी और मार्च में आयोजित की जाती है। मसौदा और मापदंडों के अनुसार, परीक्षा का पहला चरण 17 फरवरी से 7 मार्च के बीच आयोजित किया जाएगा और दूसरा चरण 5 मई से 20 मई तक आयोजित किया जाएगा। कोविड-19 के समय ने एक बार के उपाय के रूप में बोर्ड की परीक्षाओं को दो सत्रों में विभाजित किया था। लेकिन इसके बाद फिर से पुराने रूप में परीक्षा होने लगी।