रांची: विधानसभा में हेमंत सोरेन सरकार के विश्वासमत से पहले मुख्यमंत्री के आवास पर हुई विधायक दल के बैठक के दौरान कांग्रेस के विधायकों ने अपने पार्टी के कोटे से बने मंत्रियों के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। हेमंत सोरेन और कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर के सामने ही कांग्रेस के विधायकों ने बन्ना गुप्ता, बादल पत्रलेख और रामेश्वर उरांव को जमकर सुनाया।
कांग्रेस कोटे से मंत्री बने विधायकों के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए विधायकों ने कहा कि ये जन मुद्दों को लेकर संवेदनशील नहीं रहते है। अबुआ आवास समेत अन्य योजनाओं को लेकर इनके पास जाने से कभी सकारात्मक जवाब नहीं मिलता है। ये लोग पार्टी के विधायकों की बातों को भी गंभीरता से नहीं लेते है।
कांग्रेस विधायकों के अपने ही पूर्व मंत्रियों पर हमलावर होने के बाद कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने दखल दिया और विधायकों का पक्ष लेते हुए कहा कि विधायकों की ही ताकत से कोई मंत्री बनता है, मंत्रियों को विधायकों की बातों को गंभीरता से लेना चाहिए। विधायकों के जितने भी जनहीत के काम लंबित है उनपर ध्यान देना चाहिए।
विधायकों की बैठक के बाद कांग्रेस प्रभारी ने मुख्यमंत्री से अलग से बैठक की। इस बैठक में कांग्रेस कोटे से मंत्री बनने वाले विधायकों को लेकर चर्चा की गई। आलमगीर आलम की जगह कांग्रेस कोटे से कौन मंत्री बनेगा इसपर मुख्यमंत्री के साथ विचार विमर्श किया गया। आलमगीर की जगह इरफान अंसारी या प्रदीप यादव के मंत्री बनने की संभावना जताई जा रही है। कांग्रेस कोटे को कौन कौन मंत्री बनेगा इस सवाल के जवाब में कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा कि इसमें ज्यादा फेरबदल की संभावना नहीं है, यानि विधायकों की नाराजगी के बावजूद कांग्रेस कोटे के पुराने मंत्री एक बार फिर कैबिनेट में जगह पा सकते है।