बिहार के पश्चिमी चंपारण के पकड़ीदयाल में पांच लोग बूढ़ी गंडक नदी में डूब गए, जिनमें से दो की मौत हो गई। घटना पकड़ीदयाल थाना क्षेत्र की सुन्दरपट्टी पंचायत के मझार गांव में पनडुब्बी घाट के पास हुई। बूढ़ी गंडक नदी में शाम मूर्ति विसर्जन का कार्यक्रम चल रहा था। इसी के दौरान पांच लोग डूब गये। इनमें दो लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग तैरकर बाहर निकल गए। घटना की सूचना मिलने के बाद पकड़ीदयाल पुलिस मौके पर पहुंची और मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। ग्रामीणों की ओर से मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग की गयी है।
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जो तीन लोग तैरकर बाहर निकले उन्हीं लोगों ने गांव में जाकर सूचना दी। जानकारी मिलने के बाद गांव के लोगों ने खोजबीन शुरू की। कुछ देर के प्रयास पर ग्रामीणों ने मंकेश कुमार का शव बाहर निकाल लिया। बाद में अंचल प्रशासन की ओर से गोताखोर की टीम बुलायी गयी। बुधवार को ननु सहनी का शव निकाला गया। मृतकों में गोढ़िया मझार गांव के मंकेश कुमार और ननु सहनी शामिल हैं।
दोनों शवों को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है। पकड़ीदयाल सीओ रोहित कुमार का कहना है कि परिजनों को सरकार की ओर से मिलने वाली सहायता दी जायेगी। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में सार्वजनिक रूप से हनुमान जी की पूजा हुई थी। पूजा के बाद लोग 13 अगस्त की शाम मूर्ति विसर्जन के लिये बूढ़ी गंडक के पनडुब्बी घाट पर गये। मूर्ति को नाव पर रखकर पानी में विसर्जन के लिये गये। नदी में कुछ दूर आगे जाने पर नाव असंतुलित होकर पलट गयी।
इस हादसे में नाव पर सवार पांचों लोग डूब गये। इनमें तीन लोग तैरकर बाहर निकले और गांव में इसकी सूचना दी। इधर इस घटना के बाद गांव में हाहाकर मच गया। मृतकों के परिजन चित्कार मारकर रो रहे थे। पंचायत के मुखिया बिरेन्द्र सहनी, प्रमुख पति मनोज सिंह का कहना है कि पीड़ित परिवारों को सरकार से मिलने वाली सहायता दिलवायी जायेगी।
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